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बालासोर ट्रेन हादसे की सीबीआई ने जांच शुरू की, शवों की सेफ्टी के लिए रिफ्रीजरेटिड ट्रेको का सहारा, डीएनए टेस्ट की तैयारी

CBI

बालासोर / ओडिशा के बालासोर में शुक्रवार को हुए ट्रेन हादसे की अब सीबीआई ने जांच शुरू कर दी है वह यह पता लगायेगी कि इस दुर्घटना का क्या कारण रहा और इस हादसे के लिए कोन दोषी है, और क्या यह साजिश थी। बताया जाता है रेल्वे प्रशासन अपने स्तर से तो जांच कर ही रहा है लेकिन सीबीआई हर बिंदु पर व्यापक रूप से सभी मुद्दों पर अपनी तफ्तीश करेगी। इस दौरान वह रेल्वे स्टेशन के प्रशासनिक और तकनीकी अधिकारी कर्मचारियों सहित वरिष्ठ रेल्वे अधिकारियों से भी पूछताछ कर सकती हैं। मंगलवार को सीबीआई के दो अधिकारी बालासोर पहुंचे और बहनागा रेल्वे स्टेशन के घटना स्थल पर पहुंच कर जांच पड़ताल की।

लेकिन विपक्ष सीबीआई जांच को लेकर सबाल उठा रहा हैं। टीएमसी नेता सौगत राय ने कहा जब रेल्वे का बोर्ड है तो फिर सीबीआई से जांच क्यों कराई जा रही है टीएमसी ने इस हादसे के बाद रेल्वे के दो कनिष्ठ और वरिष्ठ अधिकारियों के बीच एक फोन वीडियो भी जारी किया हैं।जबकि मुख्यमंत्री ममता बनर्जी और सपा प्रमुख अखिलेश यादव और कांग्रेस ने भी बालासोर रेल हादसे को लेकर मोदी सरकार को घेरा है। ममता बनर्जी ने कहा सरकार मौत के आंकड़े छुपाने की कोशिश कर रही है जबकि कांग्रेस प्रवक्ता सुप्रिया श्रीनेत ने कहा कि इसकी जवाबदेही सरकार की है वह अपनी जिम्मेदारी से क्यों बच रही हैं। जबकि बीजेपी ने विपक्ष को गैर जिम्मेदार बताकर पलटवार किया है बीजेपी नेता शुभेंदु अधिकारी ने इस रेल हादसे के लिए टीएमसी को ही जिम्मेदार बताया हैं।

लेकिन विपक्ष सीबीआई जांच को लेकर सबाल उठा रहा हैं। टीएमसी नेता सौगात राय ने कहा जब रेल्वे का बोर्ड है तो फिर सीबीआई से जांच क्यों कराई जा रही है टीएमसी ने इस हादसे के बाद रेल्वे के दो कनिष्ठ और वरिष्ठ अधिकारियों के बीच एक फोन वीडियो भी जारी किया हैं।जबकि मुख्यमंत्री ममता बनर्जी और सपा प्रमुख अखिलेश यादव और कांग्रेस ने भी बालासोर रेल हादसे को लेकर मोदी सरकार को घेरा है। ममता बनर्जी ने कहा सरकार मौत के आंकड़े छुपाने की कोशिश कर रही है जबकि कांग्रेस प्रवक्ता सुप्रिया श्रीनेत ने कहा कि इसकी जवाबदेही सरकार की है वह अपनी जिम्मेदारी से क्यों बच रही हैं। जबकि बीजेपी ने विपक्ष को गैर जिम्मेदार बताकर पलटवार किया है बीजेपी नेता शुभेंदु अधिकारी ने इसके लिए टीएमसी को ही जिम्मेदार बताया हैं।

इस हादसे में अभी तक 83 शवों की पहचान हो चुकी है जबकि अभी भी 205 शव अपनों के इंतजार में मर्चूरी में रखे हैं लेकिन अब तेज गर्मी और घटना के चार दिन बीतने से उनके डिकम्पोज होने का खतरा बड़ गया है जिससे प्रशासन ने अब इन शवों को रिफ्रीजरेटिड ट्रैको को मर्चुरी का रूप देकर फिलहाल उनमें इन शवों को रख दिया है।

जानकारी यह भी सामने आई है शवों के खराब होने का खतरा और परिजनों के नही मिलने से प्रशासन पर उनकी पहचान कराने और उन्हें उनके परिवार तक पहुंचाने की जिम्मेदारी बड़ जाती है यह देखते हुए प्रशासन ने उन शवों का डीएनए टेस्ट कराने का निर्णय लिया है जिससे भविष्य में उनके परिजनों के डीएनए से मिलान कर उनकी शिनाख्त हो सकें।

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इंटरनल लॉकिंग सिस्टम फेल होने से हुआ ट्रेन हादसा? 288 की मौत, 1000 से अधिक घायल, 57 की शिनाख्त, अपनो को ढूंढने में लगे परिजन, CBI से जांच की सिफारिश

Balasor Train Accident

बालासोर/ ओडिशा के बालासोर में शुक्रवार की शाम हुए भीषण रेल हादसे ने 288 जिंदगियां छीन ली जबकि 1185 यात्री घायल हुए जिसमें से करीब 800 को इलाज के बाद छुट्टी दे दी गई है लेकिन घायलों में से करीब 50 की हालत गंभीर बताई जा रही है। वहीं रेल्वे प्रशासन ने मरने वालों की संख्या 275 बताई है उनका कहना है गलती से कुछ की गिनती दोबारा हो गई थी,इधर रेल मंत्री अश्वनी वैष्णव ने इंटरलॉकिंग सिस्टम में आई खराबी को इस हादसे का कारण बताते हुए कहा जांच के बाद ही उसकी पुष्टि हो सकेगी वही उन्होंने बताया कि रेल्वे बोर्ड ने इस हादसे की सीबीआई से जांच की सिफारिश भी की हैं। जबकि रेल्वे बोर्ड ने माना सिंगनल में गड़बड़ी से यह दुर्घटना हुई है।

कैसे हुआ ट्रेन हादसा …

दिन शुक्रवार समय था शाम 7 बजकर 20 मिनट का हावड़ा से चेन्नई जा रही कोरो मंडल एक्सप्रेस 128 किलोमीटर की स्पीड से दौड़ी जा रही थी यह ट्रेन बालासोर के आगे जब बहनागा रेल्वे स्टेशन पर बीच के ट्रेक से गुजर रही थी तभी उसके दाई ओर के ट्रेक से यशवंतपुर हावड़ा एक्सप्रेस ट्रेन गुजर रही थी जबकि इसके बाई ओर के ट्रेक पर उस समय एक मालगाड़ी खड़ी थी तभी अचानक कोरोमंडल एक्सप्रेस एकाएक लूप लाइन में जाकर डीरेल हो जाती है और वह सीधी लूप के ट्रेक पर खड़ी मालगाड़ी से टकरा जाती है मालगाड़ी पर भरी लोहे का सामान लदा था तो उसका इंजन मालगाड़ी पर चढ़ जाता है जबकि उसकी 8 से 10 बोगियां बुरी तरह उड़कर ट्रेक और उसके आसपास पलट जाती है इस हादसे के दौरान कोरोमंडल की कुछ बोगियां हावड़ा की ओर जा रही दोरंतो एक्सप्रेस जो आगे निकल गई थी उसकी पीछे की बोगियों से टकराती है और दोरंतो एक्सप्रेस की पीछे की दो बोगियां भी पलट जाती है इस तरह यह बड़ा ट्रेन हादसा हो जाता है। अब जांच का बिंदु है कि कोरोमंडल एक्सप्रेस बहनागा स्टेशन से गुजरने के दौरान अचानक पटरी बदल कर लूप लाइन में कैसे चली गई, और इसका इलेक्ट्रोनिक इंटरलॉक कैसे हट गया ?

इंटरलॉक सिस्टम में गड़बड़ी हादसे का कारण सीबीआई से जांच की सिफारिश कहा रेलमंत्री ने…

रेल मंत्री अश्वनी वैष्णव लगातार बालासोर और घटना स्थल पर मोजूद रहे इस दौरान उन्होंने मीडिया से चर्चा में कहा कि इस हादसे की बजह मालूम चल गई है इलेक्ट्रॉनिक इंटरलॉक सिस्टम में छेड़छाड़ की वजह से यह हादसा हुआ इसमें किसी की साजिश से भी इंकार नहीं किया जा सकता लेकिन अभी इन्वेस्टीगेशन चल रहा है इसलिए मेरा कुछ कहना ठीक नहीं होगा रिपोर्ट आने पर ही ज्यादा कुछ बताया जा सकता है उन्होंने बताया हमने मामले की सीबीआई से जांच की सिफारिश भी की है वहीं कांग्रेस के इस्तीफे की मांग पर उन्होंने कहा फिलहाल उनकी प्राथमिकता लोगों को उचित इलाज के साथ पीड़ित यात्रियों को राहत और उन्हे बचाने की है इसके अलावा रेल यातायात फिर शुरू हो हमारी यही कोशिश है।

रेल्वे बोर्ड के अनुसार सिंगनल सिस्टम में चूक ग्रीन था सिगनल,ट्रेन ओव्हर स्पीड में नही…

रेल्वे बोर्ड की सदस्य जया वर्मा सिंहा ने प्रेस कान्फ्रेस में बताया कि यह हादसा होने की वजह ओव्हर स्पीड नही था दूरंतो एक्सप्रेस 126 जबकि कोरो मंडल एक्सप्रेस 128 किलो मीटर प्रति घंटे की रफ्तार से दौड़ रही थी उस समय सभी सिंगनल ग्रीन थे इसलिए कोरो मंडल के ड्राईवर की गलती नही है शुरूआती जांच से लगता है कि सिगनल में कोई गड़बड़ी थी।उन्होंने कहा चूकि जो मालगाड़ी खड़ी थी उसमें लोहे का सामान लदा था जब कोरोमंडल एक्सप्रेस ट्रेन उससे टकराई तो बोगियां उलटकर ट्रेक पर जा गिरी और कुछ बोगियां दूसरे ट्रैक पर जा रही दोरंतो एक्सप्रेस ट्रेन के पिछले हिस्से से टकरा गई जिससे उसकी पिछली दो तीन बोगियां पलट गई।

मृतक संख्या 275, शिनाख्त केवल 57 की, अपनों को खोजने सैकड़ों लोग दर दर भटक रहे हैं…

इस सदी का यह एक बड़ा रेल हादसा है जिसमें इतनी ज्यादा तादाद में लोगों की मौत हुई लेकिन खास बात है इनमें से अभी तक केवल 57 मृतकों की ही शिनाख्त हो पाई है जिन्हें लेकर परिजन घर लौट गए लेकिन अभी भी सैकड़ों लोग अपनों को खोजने में लगे है मृतकों के चेहरे से चादर हटाते है और देखकर निराश हो जाते है जो भी बताता है घरवाले हर जगह जाकर पता लगा रहे हैं जबकि अभी भी मर्चुरी में करीब 230 लोगों के शव अपनों के इंतजार में पड़े हैं बड़ा ही भयावह और दिल हिला देने वाले हादसे के बाद अब अपनों को जीते जी नही तो लाश के रूप में मिलने की आस की जद्दोजहद इस समय छिड़ी है लोग घटना स्थल के बाद बालासोर और भुवनेश्वर जहां कुछ मृतकों के शव भेजे गए है वहां चक्कर लगा रहे हैं और नही मिलने पर निराश और हताश होकर अन्य जगह तलाश की कोशिशों में जुट जाते है जैसे उनको लगता है उनकी तलाश जरूर पूरी होगी। लेकिन इससे यह भी लगता है कि अभी भी कुछ लोग लापता है और उनके शव अभी भी बरामद नही हो पाएं है यह स्थिति काफी हृदय विदारक कही जा सकती हैं क्योंकि अभी भी अपनों को खोजने के लिए सैकड़ों लोग दर दर भटक रहे है। लेकिन यह संशय भी उभरता है कि कुछ शवों के चेहरे बुरी तरह कुचल गए तो शरीर भी क्षत विक्षत हो गया है हो सकता है परिजनों को पहचानने में परेशानी आ रही हो लेकिन सभी नही पहचान पा रहे यह सबाल भी पैदा होता है।

सेफ्टी कवच होता तो बच जाती जाने,अभी तक पूरा नहीं हुआ टारगेट …

केंद्र सरकार और रेल मंत्रालय ने दुर्घटनाओं को रोकने के लिए 2016 ..17 में सभी रेलगाड़ियों में सैफ्टी कवच लगाने की घोषणा की थी लेकिन इस रूट के स्टेशनों और इन ट्रेनों में यह सिस्टम नही लगा था यदि इन रेलगाड़ियों एंटी कॉलीजन सिस्टम डिवाइस लगा होता तो इस दुर्घटना से बचा जा सकता था यह सेफ्टी कवच रेल्वे स्टेशन और ट्रेन के बीच ऐसा सिस्टम बनाता है कि जब दो ट्रेन एक ही ट्रेक पर आ जाएं या ड्राईवर लाल सिगनल के बाद भी रेल को आगे बड़ाना जारी रखे तो दोनों ट्रेनों में पहले ही ऑटोमेटिक ब्रेक लग जाते है और उनके पहिए निर्धारित दूरी पर ही थम जाते हैं। यह सब होता है ट्रेन के इंजन में लगे जीपीएस और आरएफआईडी से जो रेल्वे स्टेशन पर लगे इंटीना और सिस्टम से जुड़े रहते है। बताया जाता है कुछ रूट पर यह सेफ्टी कवच सिस्टम लग गया है लेकिन इस रूट पर यह सिस्टम अभी नहीं लगा जबकि यह प्रोजेक्ट 2024 तक पूरा होना हैं।

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ओडिशा के बालासोर में तीन रेलगाड़ी भिड़ी, 238 की मौत, 650 घायल अस्पताल में भर्ती, कई के दबे होने की आशंका राहत बचाव कार्य जारी

Balasor Train Accident

बालासोर/ ओडिशा के बालासोर में शुक्रवार को एक बड़ा ट्रेन हादसा हुआ जिसमें एक के बाद एक तीन रेल गाड़ियां आपस में जा भिड़ी इस ट्रेन दुर्घटना में अभी तक 238 यात्रियों की मौत की खबर है जबकि 900 लोग घायल हुए है जिसमें से 650 को अस्पताल में भर्ती कराया गया है एनडीआरएफ की टीमों सहित रेल्वे पुलिस और स्थानीय लोग रेस्क्यू ऑपरेशन में लगे है इस दौरान भारी रेल और प्रशासन के अधिकारी भी मोजूद रहे। अभी भी कई यात्रियों के ट्रेन में दबे और फंसे होने की आशंका व्यक्त की जा रही है जिससे मृतकों की संख्या बड़ने की संभावना है। जबकि रेलवे और पुलिस प्रशासन ने घायलों को बालासोर मेडिकल कॉलेज और अन्य अस्पतालो में भर्ती कराया हैं।

बताया जाता है यह भीषण ट्रेन दुर्घटना शुक्रवार की शाम करीब सबा सात हुई है जब बैंगलुरू से हावड़ा जा रही यशवंतपुर हावड़ा ट्रेन (12864) अचानक बालासोर के बहनागा रेल्वे स्टेशन के पास बेपटरी हो गई इसकी बोगियां फेल गई और इसी दौरान दूसरी तरफ से हावड़ा से चैन्नई जा रही (12841) कोरो मंडल एक्सप्रेस ट्रेन अपने ट्रेक पर गुजरी तो वह इन बोगियों से दुर्घटनाग्रस्त हो गई और उसकी बोगियां दूसरे ट्रैक पर खड़ी मालगाड़ी से जा टकराएं यह टक्कर इतनी तेज थी कि इस ट्रेन की 10 बोगी पटरी से उतर गई और 8 बोगियां पलट गई कुछ एक दूसरे के ऊपर चढ़ गई और ट्रेन का इंजन तो मालगाड़ी के अगले हिस्से पर चढ़ गया इस घटना के बाद दोनों यात्री ट्रेनों के यात्रियों की चीखने चिल्लाने की आवाजें आने लगी। इस बीच स्थानीय लोग दौड़ पड़े।

घटना के बाद रेल्वे और स्थानीय प्रशासन और पुलिस ने राहत एवं बचाव कार्य शुरू किया और घायलों को दुर्घटनाग्रस्त बोगियों से बाहर निकाला और उनमें से घायलों को इलाज के लिए बालासोर के अस्पताल में भर्ती कराया हैं। इसके बाद पहुंची एनडीआरएफ की 3 टीमें भी राहत एवं बचाव कार्य में जुट गई बताया जाता है साथ ही 20 फायर सर्विस और करीब 1200 बचाव कर्मी पूरे ऑपरेशन में लगे है इस हादसे में अभी तक 238 यात्रियों की मौत हो गई जबकि 650 लोग घायल और जख्मी हुए है जिन्हें बालासोर के मेडीकल कॉलेज और बालासोर के अन्य अस्पतालों में भर्ती कराया गया है जबकि कुछ ज्यादा गंभीर यात्रियों को भुवनेश्वर भी रेफर किया गया है जबकि कई यात्रियों के ट्रेन में फंसे होने की आशंका जताई जा रही है मौके पर कई और रेस्क्यू टीम भी पहुंचाई जा रही है और 20 इंटर्न और 24 अतरिक्त डॉक्टरो को भी बालासोर भेजा गया है साथ ही जिले के सभी अस्पताल अलर्ट मोड पर है। इसके अलावा सेना को भी ऑपरेशन में शामिल किया गया है भारतीय सेना की एंबुलेंस चिकित्सा और इंजीनियरिंग टीम भी इसके बुलाई गई है। इसके अलावा स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मंडाविया ने भुवनेश्वर एम्स में घायलों के इलाज और आईसीयू के लिए पर्याप्त इंतजाम के आदेश दिए हैं। जबकि प्रशासन ने भी पहले से करीब एक सैकड़ा बसे रेल्वे को मुहैया कराई है बताया जाता है बहनागा रेल्वे स्टेशन बालासोर से करीब 46 किलोमीटर की दूरी पर है।

इधर रेल्वे के पहला आधिकारिक बयान भी सामने आया है जिसके मुताबिक जब कोरो मंडल एक्सप्रेस बहनागा रेल्वे स्टेशन से गुजर रही थी तभी दूसरी ओर से आ रही यशवंतपुर हावड़ा ट्रेन अचानक डी रेल हो गई और इनकी बोगियां फिर मालगाड़ी से जा टकराई इस घटना में ट्रेन के डब्बे पटरी से उतरे है। रेल्वे ने हेल्प लाइन नंबर जारी किए है 89720 73925, 9332392329, 9903370746, 8249591559,7978418322और 67822 62286 जारी किये हैं। जबकि इस रूट की 10 ट्रेन रद्द कर दी गई और करीब आधा दर्जन ट्रेन के रूट बदले गए है। साथ ही रेल्वे प्रशासन ने आज होने वाला गोवा मुंबई वंदे भारत ट्रेन का उदघाटन भी रद्द कर दिया है।

यह ट्रेन हादसा 2016 में कानपुर में हुई रेल दुर्घटना के बाद सबसे बड़ा है जब यह ट्रेन एक्सीडेंट हुआ उस समय यात्रियों की चीखे दिल भेद रही थी लेकिन उसे बाद का दृश्य उससे भी काफी भयानक था लोग बदहवास थे और अपनों को ढूंढने में पागल जैसे हो गए किसी का धड़ से सिर उड़ गया किसी के हाथ पैर शरीर से अलग हो गए तो किसी के हाथ अपनों के कुचले और क्षत विक्षत शरीर हाथ आए काफी हृदय विदारक तस्वीर घटना स्थल की थी लोग अपने लोगों को तलाशते घूम रहे थे तो कुछ घायलों को हाथों में थामे मदद की गुहार लगाते दिखे इस हासदे के दौरान आसपास के अलावा दूरदराज से काफी तादाद में वहां पहुंचे लोगो ने भी प्रशासन के साथ सभी की मदद की इतना ही नहीं बालासोर के अस्पताल के बाहर दो ढाई हजार लोग रात भर रहे और कई ने घायलों को अपना खून भी दिया।

इधर आज रेल मंत्री अश्वनी वैष्णव आज घटना स्थल पहुंचे और उन्होंने घटना का जायजा लिया साथ ही उन्होंने आवश्यक निर्देश भी रेल प्रशासन को दिए। जबकि रेल मंत्रालय ने इस रेल दुर्घटना की जांच के आदेश दे दिए है। जबकि रेल्वे प्रशासन ने मृत यात्रियों के परिवारों को 10 ..10 लाख का मुआवजा और घायलों को मुफ्त इलाज और आर्थिक मदद का ऐलान किया है जबकि पीएम कोष से भी मृतकों के परिजनों को दो दो लाख की राशि के मुआवजा देने की घोषणा की गई हैं।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस रेल दुर्घटना पर गहरा दुख व्यक्त करते मृतकों के परिवार के प्रति अपनी शोक संवेदना प्रकट की है इसके अलावा कांग्रेस नेता राहुल गांधी और प्रियंका गांधी वाड्रा ने भी इस ट्रेन हादसे पर गहरा दुख व्यक्त करते हुए शोक संवेदनाएं व्यक्त की हैं इसके अलावा पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ओडिशा के मुख्यमंत्री नवीन पटनायक ने भी इस रेल दुर्घटना पर शोक जताते दुख व्यक्त किया है। जबकि आज मुख्यमंत्री ममता बनर्जी बालासोर पहुंच रही है वह घायलों से मुलाकात करेंगी वही मुख्यमंत्री नवीन पटनायक आज सुबह बालासौर पहुंच गए है उन्होंने ओडिशा में एक दिन के राजकीय शोक की घोषणा भी की है जबकि तामिलनाडू के कुछ मंत्री भी बालासोर आ रहे है।

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उड़ीसा के स्वास्थ्य मंत्री को पुलिस एएसआई ने मारी गोली हालत गंभीर

Naba Kishor Das

भुवनेश्वर / उड़ीसा के स्वास्थ्य मंत्री को उनके ही सुरक्षा में लगे एक पुलिस अधिकारी ने गोली मार दी उन्हें गंभीर हालत में भुवनेश्वर के अस्पताल में भर्ती कराया गया है। मुख्यमंत्री नवीन पटनायक उन्हें देखने अस्पताल पहुंचे थे।जबकि पुलिस ने आरोपी को हिरासत में ले लिया है।

उड़ीसा के स्वास्थ्य मंत्री नबकिशोर दास रविवार को दोपहर 1 बजे झाड़सुगड़ा क्षेत्र के ब्रजराजनगर में एक कार्यक्रम में शामिल होने गए थे जब वह अपने वाहन से नीचे उतरे तभी उनकी वीवीआईपी ड्यूटी में तैनात पुलिस सहायक निरीक्षक ने उन पर तीन से चार गोली दाग दी जो उनके सीने में जाकर लगी खून से लथपथ मंत्री दास वही सड़क पर गिर गए यह देखकर उनके साथ आए कर्मचारियों ने एंबुलेंस बुलाकर उन्हें बिठाया और अस्पताल लेकर आ गए लेकिन उनकी नाजुक हालत को देखते हुए उन्हें एयर लिफ्ट कर भुवनेश्वर लाया गया और यहां बड़े अस्पताल में भर्ती कराया गया है जहां फिलहाल उनकी स्थिति चिंताजनक बनी हुई है। उन्हे देखने उड़ीसा के मुख्यमंत्री नवीन पटनायक भी अस्पताल पहुंचे।

इस घटना के बाद आरोपी एएसआई गोपाल दास को पुलिस ने हिरासत में ले लिया है और उससे पूछताछ कर रही है लेकिन फिलहाल उसने स्वास्थ्य मंत्री पर जानलेवा हमला क्यों किया इसका खुलासा नहीं हुआ हैं। बताया जाता है इस हाई प्रोफाइल घटना की क्राइम ब्रांच जांच कर रही हैं।

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“यास” चक्रवाती तूफान भद्रक से टकराया, तूफान का कहर शुरू, तेज हवाओं के साथ बारिश समंदर का रौद्र रूप, एक व्यक्ति की मौत, 6 राज्यों में अलर्ट, सुरक्षा के व्यापक इंतजाम

Cyclone

भुवनेश्वर/ कोलकाता- देश मे चक्रवाती तूफान “यास” ने आज दस्तक दे दी हैं जो ओडिशा और बंगाल के तटीय इलाकों में ज्यादा प्रभावी रहेगा फिलहाल तेज हवाओं और बारिश के साथ समंदर में तेज लहरें उठना शुरू हो गई हैं यह तूफान ओडिसा के बालासोर के नजदीक पहुंच गया है और भद्रक के समुद्र तट से टकराया हैं। तास तूफान के मद्देनजर ओडिसा और बंगाल सहित 6 राज्यों को एलर्ट पर रखा गया है जहां 115 एनडीआरएफ, एसडीआरएफ की टीमें और वायु सेना को तैनात कर दिया गया है हवाई सेवाएं रोकने के साथ ही कई ट्रेनें रद्द करदी गई है । सुरक्षा के मद्देनजर करीब 11 लाख लोगों को तटीय क्षेत्रों से हटाकर सुरक्षित जगह विस्थापित किया गया है जबकि ओडिशा के भद्रक में एक व्यक्ति की मौत की खबर सांमने आई हैं।

जैसा की संभावना जताई जा रही थी आज सुबह 9 बजे चक्रवाती तूफान यास ओडीशा के भामरा और बालासौर के बीच भद्रक तट से टकराया अब इसके दोपहर तक पाराद्वीप और सागर आयरलैंड होते हुए बंगाल में पहुंचने की संभावना मौसम वैज्ञानिकों ने जताई हैं लेकिन इस तूफान के ओडीशा पहुंचने से पहले ही सुबह तड़के से ही इसने तबाही मचाना शुरू कर दिया था। ओडीशा और पश्चिम बंगाल के साथ झारखंड उत्तर प्रदेश बिहार और आंध्रप्रदेश इन 6 राज्यों में इस तूफान के मद्देनजर सरकार ने एलर्ट जारी किया हैं।

यास तूफान के कहर को देखते हुए ओडीशा के चार जिलों में एलर्ट घोषित किया गया है लेकिन आज सुबह से ही ओडीशा के दीघा चांदीपुर,भद्रक,भुवनेश्वर बालासौर और भामरा में तेज हवाओं के साथ बारिश शुरू हो गई सैकडों पेड़ गिरने से आवागमन में अवरोध उत्पन्न हो।गया साथ ही नेहटी में 40 मकानों के क्षतिग्रस्त होने और भद्रक में एक व्यक्ति की मौत की जानकारी सामने आई हैं।

जबकि पश्चिम बंगाल के कई जिलों और शहरों में यास तूफान का व्यापक असर देखा जा रहा है फिलहाल दीघा के अंदरूनी इलाकों में समुद्र का पानी घुस आया है सड़के पानी से लबालब हो गई है जबकि मालदा हावड़ा जलपाईगुड़ी वीरभूमि मुर्शीदाबाद पूर्वी मिदनापुर पुरुलिया दीनारपुर 24 परगना जिलों को भी यह तूफान प्रभावित कर रहा है यहां तेज वारिश आंधी अंधड़ और पेड़ो के टूटने का सिलसिला जारी हैं। वही समंदर में उठती ऊंची लहरे डर पैदा कर रही हैं।

इस चक्रवाती तूफान से निबटने के लिये ओडीशा और बंगाल में 115 एनडीआरएफ और एसडीआरएफ की टीमें तटीय क्षेत्रों में राहत एवं बचाव कार्य के लिये तैनात कर दी गई है साथ ही 66 डिजास्टर फोर्स की टीमें और वायु सेना भी नजर बनाये हुए है जिसमें 11 परिवहन विमान सहित 25 हेलीकॉप्टर किसी भी आपदा से निबटने के लिये तैयार हैं।जबकि प्रभावित राज्यों में हवाई सेवाओं को निरस्त करने के साथ ही 30 रेलगाड़ियां रद्द करदी गई हैं।

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असमउड़ीसादेशपश्चिम बंगाल

देश के तीन राज्यों में चक्रवाती अम्फान तूफान की दस्तक

  • देश के तीन राज्यों में चक्रवाती अम्फान तूफान की दस्तक

  • 14 जिले ज्यादा प्रभावित होने की संभावना

  • अलर्ट जारी प्रभावित तटीय इलाके हुए खाली

  • बचाव कार्य के लिए एनडीआरएफ़ की टीमें तैनात 

पांडुचेरी- मणिपुर- दीघा। देश में समुद्र से जुड़े राज्यों में चक्रवाती अम्फान तूफान ने दस्तक दे दी हैं तीन राज्य उड़ीसा, असम और पश्चिम बंगाल इस तूफान से ज्यादा प्रभावित होने वाले हैं।

तटीय इलाकों में तेज हवाओं के साथ समुद्री लहरों ने अपना तांडव दिखाना शुरू कर दिया हैं जिससे इस अम्फान तूफान की भयावयता को समझा जा सकता हैं और आज दोपहर बाद यह अम्फान तूफान सुंदरवन के समुद्री तटों से टकराने के साथ तबाही मचा सकता हैं यही बजह है समुद्री तटीय इलाकों से पलायन शुरू हो चुका है।

जैसा के इस इम्फान तूफान को नया नाम सुपर वायको दिया गया है। जबकि प्रदेश सरकारों ने संबंधित संवेदनशील इलाकों में अलर्ट जारी कर दिया हैं और प्रभावित इलाकों में सुरक्षा के लिये जहाज नावे कोस्टगार्ड और एनडीआरएफ की टीमें तैनात कर दी गई हैं।

सुंदरवन के तट से शुरू होगा अम्फान तूफान, अलर्ट जारी

जैसा के तीन दिन पहले मौसम विभाग ने देश में चक्रवाती अम्फान तूफान के आने की संभावना जताई थी और आज पश्चिम बंगाल तामिलनाडु असम और उड़ीसा के समुद्री इलाकों में इस तूफान ने शुरुआती आमद दर्ज करा दी है।

इन राज्यों के पांडुचेरी त्रिपुरा मणिपुर तामिलनाडु पश्चिम बंगाल का दीघा और आंध्र का पूर्वी गोदावरी जम्मू काश्मीर के 14 जिले कुछ क्षेत्र ज्यादा प्रभावित हो सकते है जबकि इस तूफान का असर बांग्ला देश पर भी पड़ने की संभावना जताई गई हैं। इन सभी 14 जिलों में ओरेंज अलर्ट जारी कर दिया गया हैं।

180 केएम तक हो सकता है तूफानी हवाओ का वेग

जैसा कि पश्चिम बंगाल और उड़ीसा के बालेश्वर केंद्रपड़ा सुंदरवन उत्तर परगना बालासौर भद्रक पारादीप कुछ ऐसे इलाके है जो इस तूफान से सबसे ज्यादा प्रभावित हो सकते है।

यहां तूफान और हवा का वेग 120 से 180 किलोमीटर की रफ्तार से रहने की सम्भावना मौसम विभाग ने जताई हैं।

तटीय क्षेत्र वीरान, एनडीआरएफ की टीमें तैनात

पश्चिम बंगाल सहित अन्य राज्य सरकारें इस अम्फान तूफान को लेकर सतर्क हों गई हैं और समुद्र ने रौद्र रूप लेना शुरू कर दिया है तेज लहरें उठना शुरू हो गई जो 10 से 15 मीटर तक ऊची जा सकती है।

तेज हवाओ के साथ आंधी और कई इलाकों में बारिश शुरू हो ग़ई हैं आसपास प्रभावित क्षेत्रों से लोग सुरक्षित इलाकों में जाने लगे है बस्तियां वीरान होने लगी हैं स्थानीय प्रशासन ने लाउडस्पीकर से एनाउंस करके प्रभावित क्षेत्रों में लोगों को सतर्क करने की कवायद शुरू कर दी हैं।

पश्चिम बंगाल में समुद्री क्षेत्र में कोस्ट गार्ड और 41 एनडीआरएफ की टीमें तैनात कर दी गई हैं साथ ही 7 टीमें रिजर्व रखी गई हैसाथ ही जहाज और नावों का इंतजाम भी किया गया हैं। इस तूफान को लेकर कंट्रोल रूम भी बनाये गये है। जबकि इस सुपर सायक्लोन से बिजली पानी की समस्या भी उत्पन्न होना तय हैं।

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