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सिवनी की बैनगंगा नदी पर बने दो पुलों के पानी में बहने का मामला…
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मुख्यमंत्री ने दिए जांच के आदेश कांग्रेस ने लगाया भ्रष्टाचार का आरोप…
सिवनी (अलकेन्द्र सहाय) – मध्यप्रदेश के सिवनी जिले में बैनगंगा नदी पर बने दो पुलों के बहने के बाद मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने जांच के आदेश दे दिये हैं। जैसा कि इन पुलों में से एक पुल का निर्माण हाल में पूरा हुआ था और उसका ओपचारिक उदघाट्न भी नही हुआ था। इस घटना से साफ तौर पर पुलों के निर्माण में तकनीकी खामियां उजागर होने के साथ इसमें लोक निर्माण विभाग के अधिकारियों की लापरवाही भी सामने आती हैं।
मध्यप्रदेश के विंध्य क्षेत्र में पिछले 4 दिन जमकर बारिश हुई जिससे सिवनी जिला भी अछूता नही रहा और यहां के संजय सागर सरोवर बांध के डेम के ओव्हर फ्लो होने से गेट खोलना पड़े थे जिससे बैनगंगा नदी में उफान आ गया और उसका जलस्तर एकाएक बढ़ गया।
लगातार तीन दिन तेज बारिश और बैनगंगा नदी में जलस्तर बढ़ने का वैग भीमगढ़ में बना पुल नही सह सका और किनारों को छोड़कर पूरा पुल नदी के पानी के सैलाब में बह गया। बताया जाता है इस पुल की लागत 4.50 करोड़ थी। जैसा कि यह पुल छपारा से भीमगढ़ और भीमगढ़ को पलारी केवलारी और मंडला से जोड़ता था ।
लेकिन गंभीर बात यह रही कि भीमगढ़ के अलावा बेनगंगा नदी पर सिर्फ दो महिने पहले बना दूसरा सुनवारा का पुल भी ढह गया बताया जाता है सुनवारा ग्राम के पास बने इस पुल का निर्माण प्रधानमंत्री सड़क योजना के अंतर्गत 3.64 करोड़ की राशि से हुआ था ख़ास बात है कि फौरी तौर पर स्थानीय ग्रामीणों का आवागमन इस सुनवारा पुल से शुरु हो गया था लेकिन फिलहाल इस पुल का अभी ओपचारिक उदघाट्न नही हुआ था और वह भी उससे पहले ही धराशायी होकर पानी मे बह गया।
उल्लेखनीय है कि भीमगढ़ पुल के स्लैब 50 -60 फीट दूर जाकर गिरे और सुनवारा पुल के पिलर ढहकर नदी के तेज बहाव में बह गये इस मामले में लोक निर्माण विभाग के अधिकारी कुछ बताने से बचते नजर आ रहे हैं जिससे साफ है कि दोनों पुलों के निर्माण में भारी भ्रष्टाचार हुआ है और उनका निर्माण कार्य निर्धारित मानकों और मापदंडों के अनुसार नहीं हुआ है|
चूंकि संजय सागर सरोवर बांध से गेट खोलने पर पानी का जो फ्लो और उसका प्रेशर पुलों पर पड़ा वह उसे सह नही सकें और पानी के तेज रेले में बह गये इससे साफ होता है कि विभाग ने इन पुलों के निर्माण में जो तकनीकि रिपोर्ट बनाई उसमें खामी थी या फिर निर्माण सामग्री उचित मानकों के हिसाब से निर्मित नही की गई अब यह सभी जांच का विषय हैं। यही बजह रही कि यह दोनों पुल नदी के पानी का दबाब नही झेल पाये और ढहकर बह गये।
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने इस घटना को गंभीरता से लेते हुए तुरंत जांच के आदेश दे दिये हैं उनका कहना है जो भी दोषी पाया जायेगा उंसके खिलाफ कड़ी कार्यवाही होगी।
इधर कांग्रेस ने इस मामले में भ्रष्टाचार के आरोप लगाये है कांग्रेस प्रवक्ता अजय सिंह यादव ने कहा है कि केवलारी विधानसभा में आने वाले इन पुलों के धराशायी होने से एक बड़ा घोटाला सामने आया हैं और इसमें विभागीय अधिकारी और निर्माण एजेंसी के बीच सांठगांठ उजागर हुई हैं उन्होंने यह भी कहा कि उस दौरान टेंडरों में भी काफी हेराफेरी हुई थी। कांग्रेस का आरोप है कि 2018 में जब इस पुल के निर्माण शुरू हुआ उस समय बीजेपी की सरकार थी इसीलिए वह भी अपनी जिम्मेदारी से बच नही सकती।
इधर इन पुलों के ढहने से करीब 70 से 80 गांव प्रभावित हुए है और स्थानीय ग्रामीणों को आवागमन में काफी असुविधा का सामना करना पड़ रहा हैं। अब उन्हें जबलपुर और नागपुर का चक्कर काट कर अपने गंतव्य को जाना पड़ेगा। जिससे पैसा और समय भी ज्यादा लगेगा।