नई दिल्ली, भोपाल/ मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री मोहन यादव के मंत्रिमंडल का गठन सोमवार को होने जा रहा है दोपहर साढ़े तीन बजे होने वाले शपथ ग्रहण समारोह की राजभवन में जोरशोर से तैयारियां चल रही है। केबीनेट के गठन में देरी के कई कारण है जबकि जो सांसद जीतकर आए है क्या वह मंत्री बनेंगे इस पर भी सभी की नजर है।
मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री मोहन यादव ने अपने मंत्रिमंडल के गठन के लिए तीन बार दिल्ली की दौड़ लगाई आज उन्होंने दिल्ली में बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा से मुलाकात की और उन्हें हरी झंडी मिल गई है बताया जाता है केबीनेट गठन के पहले विस्तार में करीब 31 मंत्री बनने जा रहे हैं। शपथ ग्रहण समारोह 25 दिसंबर को दोपहर साढ़े तीन बजे होगा।
चुनाव परिणाम आने के पूरे 22 दिन बाद मध्यप्रदेश की केबीनेट का गठन होने जा रहा है देरी हुई यह भी सही है लेकिन इसके कई कारण सामने आएं है मत्रिमंडल का स्वरूप कैसा हो पुराने के साथ नए युवा विधायको को कितना प्रतिनिधित्व मिले इस पर गहन विचार हुआ, साथ ही शिवराज मंत्रिमंडल के 12 मंत्री चुनाव हार गए और 18 जीते इसमें से कोन को लिया जाए और कोन को छोड़ा जाएं यह भी अहम था। लेकिन सबसे अधिक लोगों की नजर इस पर है कि जो सांसद जीतकर आए वह मोहन केबिनेट का हिस्सा बनेंगे या नहीं? उनमें बीजेपी महासचिव कैलाश विजयवर्गीय, प्रहलाद पटेल, राकेश सिंह राव, उदय प्रताप सिंह और रीति पाठक जैसे कद्दावर नेता शामिल है।
सूत्रों से जो जानकारी मिली है उसके मुताबिक भूपेंद्र सिंह, गोविंद सिंह राजपूत, विश्वास सारंग, तुलसी सिलावट, इंदरसिंह परमार, विजय शाह, जयसिंह मरावी, अर्चना सिटनिस को जो शिवराज केबिनेट में मंत्री रह चुके है उन्हें मंत्री बनाया जा रहा है इसके अलावा प्रदीप लारिया, एंदल सिंह कंसाना, शैलेंद्र जैन, संजय पाठक, कृष्णा गौर, रमेश मेंदोला, मालिनी गौड़, प्रभुराम चौधरी, चेतन कश्यप, राकेश शुक्ला, संपतिया उईके, नारायण सिंह कुशवाह, हेमंत खंडेलवाल और रीति पाठक के नाम भी संभावितों में शामिल बताएं जा रहे है। अब देखना होगा इनके साथ साथ और किसका सितारा बुलंद होता है।