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दतियामध्य प्रदेशमुरैना

चंबल संभाग में 8 सीटों पर होगा उपचुनाव ,टिकट की दावेदारी शुरू

  • चंबल संभाग में 8 सीटों पर होगा उपचुनाव

  • टिकट की दावेदारी शुरू

  • जौरा के अलावा बीजेपी के नाम तय पूर्व सांसद भी हो सकते हैं प्रत्याशी

  • कांग्रेस में टिकट के लिये मारामारी

मुरैना भिंड दतिया -कोरोना महामारी की शुरूआत में ही मध्यप्रदेश की कांग्रेस सरकार गिरी थी और भाजपा सत्ता पर काबिज हुई थी लेकिन इसमें इस्तीफा देने वाले सिंधिया समर्थक विधायको का बीजेपी की सरकार बनवाने में अहम रोल रहा उन्हें आशा थी कि जल्द उनकी सीटों पर उपचुनाव होंगे लेकिन कोरोना संकट के चलते यह टलते रहे हो लेकिन अब जैसे ही सुगबुगाहट बड़ी पार्टियों में राय शुमारी का दौर शुरू हो गया ।

हालांकि कोंन सी सीट से कौन सा उम्मीदवार मैदान में होगा यह फिलहाल तय नहीं है लेकिन कांग्रेस हो या बीजेपी दोनों पार्टियों के संभावित दावेदारों ने अपनी तैयारियां तेज कर दी।

कुछ दावेदार कोरोना में लोगों की मदद कर क्षेत्र के मतदाताओं से जुड़ने की जुगत में भी देखे जा रहे हैं जैसा कि ग्वालियर चंबल संभाग में 16 सीटों पर उपचुनाव होना है जिसमें 15 सीटों पर तय माना जा रहा हैं कि भाजपा उन पूर्व विधायकों को टिकट देगी जो सिंधिया के साथ कांग्रेस छोड़कर आये हैं लेकिन एक जौरा सीट पर ऐसा नहीं है। ये सीट कांग्रेस विधायक के निधन से खाली हुई है। यहाँ मुकाबला रोचक होगा।

जबकि कांग्रेस को सभी 16 सीटों पर अपने उम्मीदवार घोषित करना हैं इसलिये कांग्रेस में टिकट के दावेदारी के लिये नेता जोड़तोड़ में लगे हैं इसमें एक एक सीट से कई दावेदार दौड़ में शामिल हैं। इन 16 सीटों में 8 विधानसभा क्षेत्र चंबल और 8 ग्वालियर संभाग के जिलों के है चंबल में मुरैना भिंड और दतिया जिले आते है पहले उनपर एक नजर डालते हैं कि कोंन कोन नेता चुनावी मैदान की जमीन तलाश रहा है।

बीजेपी कांग्रेस दोनों की प्रतिष्ठा दांव पर — जैसा कि प्रदेश में 24 सीटों पर प्रस्तावित उप चुनाव बहुत रोचक होने वाले हैं। क्यों कि बीजेपी और कांग्रेस दोनों की प्रतिष्ठा का सबाल जो हैं।

एक सत्ता पर काबिज रहने के लिये रण में उतरेगा तो दूसरा सत्ता हथियाने वाले को सत्ता से बेदखल करने की रणनीति पर युद्ध लड़ेगा जैसा कि कांग्रेस को सत्ता से बेदखल करने में ज्योतिरादित्य सिंधिया की अगुआई में बगावत करने वाले 22 पूर्व विधायक कॉन्फिडेंट हैं कि भाजपा उन्हें ही टिकट देगी लेकिन कांग्रेस को चेहरे तलाशने में मुश्किल हो रही है।

खास बात ये है कि जिन 24 सीटों पर उप चुनाव होने हैं उनमें से 16 सीटें ग्वालियर चंबल संभाग की हैं। जहाँ हमेशा से सिंधिया का दबदबा रहा है। यही वजह है कि कांग्रेस यहाँ से अपने ऐसे नेता को टिकट देने की तैयारी में है जो बीजेपी के प्रत्याशी को पटकनी देने में सक्षम हो पहले भी वे चुनाव लड़ने और जीतने का माद्दा रखते थे लेकिन सिंधिया की वीटो पावर के कारण आजतक टिकट हासिल नहीं कर सके।

जानकारी यह भी सामने आ रही है कि कांग्रेस 2018 में अपने प्रत्याशी से हारे भाजपा के प्रत्याशियों से भी संपर्क कर रही है।ग्वालियर चंबल अंचल की सीटों पर नजर दौड़ाई जाए तो एक सीट पर कई दावेदारों के नाम सामने आ रहे हैं इनमें पूर्व मंत्री, पूर्व विधायक, पूर्व सांसद, युवा कांग्रेस के और वर्तमान राष्ट्रीय सचिव जैसे दमदार प्रत्याशी शामिल हैं।

भिंड जिला यहां दो सीट मेहगांव और गोहद पर उपचुनाव होना हैं— जिले की मेहगांव सीट से 2018 के चुनाव में कांग्रेस टिकट पर ओपीएस भदौरिया ने जीत हासिल की थी जो इस्तीफा देकर सिंधिया के साथ चले गये शर्त के अनुसार अब उन्हें यहां से भाजपा उम्मीदवार बनायेगी।

जबकि अजय सिंह राहुल को मना लिया गया तो इन्हें टक्कर देने के लिए कांग्रेस चौधरी राकेश सिंह को टिकट देने का मन बना रही है ,और उनका टिकट लगभग फायनल है जबकि अल्टरनेट बतौर हेमंत कटारे उंसके केन्डीडेड होंगे क्योंकि कांग्रेस यहां से ब्राम्हण को ही टिकट देगी ऐसी पूरी संभावना हैं।

इसी जिले की दूसरी सीट गोहद विधानसभा से पिछला चुनाव जीते रणवीर जाटव को भाजपा टिकट देगी लेकिन कांग्रेस के सामने इस समय राम नारायण हिंडोलिया का नाम सबसे ऊपर बताया जाता हैं जबकि इस विधानसभा से सेवाराम जाटव और राजकुमार देश लहरिया भी टिकट की लाइन में हैं।

मुरैना जिले में पांच सीटों पर होना है उपचुनाव जौरा पर सबकी नजर— सिंधिया के साथ जाने वाले विधायकों में सबसे अधिक मुरैना जिले के हैं इनमें मुरैना से सिंधिया समर्थक पूर्व विधायक रघुराज सिंह कंसाना को भाजपा टिकट देगी वहीं उनके सामने कांग्रेस का राकेश मावई को उतारना लगभग तय है।

लेकिन यहाँ से दिनेश गुर्जर और परसराम मुदगल के साथ पूर्व विधायक स्व सोबरन सिंह मावई के सुपुत्र रिंकू मावई का नाम भी चर्चा में है।

जबकि जिले की दिमनी सीट से पूर्व विधायक गिर्राज दंडोतिया को भाजपा से टिकट मिलना तय है वहीं कांग्रेस से रविंद्र सिंह तोमर का नाम लगभग तय माना जा रहा है।इसके अलावा रक्षपाल सिंह तोमर का नाम भी चर्चा में हैं ।

वही अंबाह सीट पर पूर्व विधायक कमलेश जाटव को भाजपा का टिकट मिलेगा जबकि यहाँ से कांग्रेस की तरफ से सत्यप्रकाश सखवार सबसे दमदार प्रत्याशी हैं कांग्रेस इन्हें मैदान में उतार सकती है।

इसके अलावा सीएमएचओ रहे डॉ आर जी वर्मा और देवेंद्र सखवार का नाम भी लाइन में हैं सुमावली विधानसभा सीट पर भाजपा की तरफ से पूर्व विधायक एंदल सिंह कंसाना का लड़ना तय है।

यहाँ पहले कांग्रेस में स्थिति स्पष्ट नहीं थी यहाँ क्षेत्र के वरिष्ठ नेता वृंदावन सिंह सिकरवार के बेटे मानवेंद्र सिंह का नाम चर्चा में था लेकिन मानवेंद्र सिंह के बीएसपी का दामन थामने के बाद कांग्रेस यहां बड़ा दांव खेल सकती है और जो नाम तेजी से उभरा है ।

वह है वलवीर सिंह दंडोतिया का जो दिमनी से बीएसपी के पूर्व कि विधायक रह चुके हैं संभवतः कांग्रेस से अब इनका टिकट पक्का माना जा रहा हैं।जबकि रामकुमार दुल्हेरी का नाम भी चर्चा में है इस जिले की जौरा सीट पर दोनों पार्टियां कश्मकश में हैं।

यहाँ भाजपा और कांग्रेस दोनों अपने लिए नये प्रत्याशी तलाश रही हैं ये सीट कांग्रेस विधायक बनवारी लाल शर्मा के निधन के बाद खाली हुई है। कांग्रेस में कुछ लोग बनवारी लाल के परिवार को टिकट देकर सेम्पेथी वोट पाना चाहते थे कुछ का कहना है बनवारी लाल सिंधिया खेमे के नेता थे इसलिए टिकट नहीं दिया जाए।

हाल में स्व बनवारीलाल के सुपुत्र प्रदीप शर्मा ने बीजेपी से टिकट मांग कर स्थिति स्पष्ट कर दी अब कांग्रेस किसी नये चेहरे की तलाश कर रही हैं इन सबके बीच जो नाम कांग्रेस की तरफ से चर्चा में चल रहा है वो युवा कांग्रेस के पूर्व राष्ट्रीय सचिव एवं कमलनाथ सरकार में पशुपालन मंत्री रहे लाखन सिंह के भतीजे संजय सिंह यादव का।

संजय मुरैना से लोकसभा टिकट की दावेदारी भी कर चुके हैं लेकिन सिंधिया की पावर के कारण वे टिकट हासिल नहीं कर पाए थे। अभी हालांकि टिकट की घोषणा नहीं हुई है फिर भी संजय ने क्षेत्र में सक्रियता बढ़ा दी है बताया जाता हैं संजय सिंह यादव लॉक डाउन शुरू होने से पहले ही करीब 80 ग्राम पंचायतों का दौरा कर चुके हैं वे पूर्व से ही ग्रामीणों की समस्या को हल कराने के लिए प्रयासरत हैं।

जबकि जौरा विधानसभा से ऋषिकेश मिश्रा राकेश यादव पंकज उपाध्याय के नाम भी चर्चा में हैं। उधर भाजपा ने यहाँ से अभी उम्मीदवार तय नहीं किया है लेकिन वह यहां से किसी दिग्गज को प्रत्याशी बनाने की फिराक में है एक नाम अभी तक जो सामने आया है वह है पूर्व मुरैना सांसद अनूप मिश्रा का भाजपा यहाँ से उन्हें टिकट दे सकती है।

अनूप मिश्रा से जब आई ताजा खबर की बात हुई तो उन्होंने कहा भाजपा में टिकट के लिये आवेदन का चलन नही है उनका कहना था कि यदि वहाँ के लोग यदि ऐसा सोच रहे हैं और पार्टी मुझे जौरा से चुनाव लड़ने का निर्देश देगी तो आदेश का पालन करेंगे।

दतिया जिले की भांडेर सीट   —   चंबल के दतिया जिले की भांडेर सीट पर सिंधिया समर्थक रक्षा संतराम सिरोनिया का नाम तय हैं जबकि कांग्रेस से यहां पूर्व में बीएसपी से विधायक रहे फूलसिंह बरैया जो अब कांग्रेस में हैं उनका नाम सामने आया है लेकिन बरैया को कांग्रेस ने राज्यसभा से भी प्रत्याशी घोषित किया हैं।

जबकि दूसरा नाम महेंद्र बौद्ध का हैं बरैया की स्थिति से उनका पड़ला भारी दिखाई दे रहा है वर्तमान में उनकी पकड़ भी ठीक ठाक बताई जाती है अब देखना होगा कांग्रेस किसे टिकट देती हैं।

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