- ब्रिक्स सम्मेलन में आतंकी और उनके ठिकानो के खात्मे पर सहमति बनी
- पाक अलग थलग पड़ा, भारत की कूटनीतिक जीत
शियामेन (चीन) – ब्रिक्स सम्मेलन में भारत ने कूट्नीतिक जीत हासिल की है, आतंकवाद के मुद्दे पर पाकिस्तान बुरी तरह घिर गया अंतत उसे ब्रिक्स देशों के दबाब में आतंकवाद पर नकैल कसने का विश्वास दिलाना पड़ा,खास तौर पर ब्रिक्स के घोषणापत्र में आतंकी संगठन लश्कर ए तएबा,जैश ए मोहम्मद और उनकी आतंकी गतिविधियो का 16 बार उल्लेख आया जिससे पाकिस्तान का साथ देने वाला चीन भी उसके साथ खड़ा नही रह सका, राष्ट्र अध्यक्षों ने सभी देशो को आतंकवादी विरोधी गतिविधियो को और सक्षम बनाने के साथ ही जड़ से मिटाने के लिये सयुक्त राष्ट्र के नियमो को लागू करने पर भी जोर दिया गया, सम्मेलन में आतंकवाद और हमलो की निंदा करने के साथ उनके ठिकानो को खत्म करने के प्रयास करने पर भी सहमति बनी।
भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने उदबोधन में जोरदार तरीके से आतंकवाद के मुद्दे को उठाया और शान्ति के लिये एकजुट रहने पर जोर दिया,मोदी ने आतंकी गतिविधियो को बडावा देने के लिये फ़न्डिंग और सपोर्ट पर भी पाक को घेरा, जबकि भारत के लिये मोदी ने शिक्षा स्वास्थ्य और विकास के मुद्दे को अहम बताया।
ब्रिक्स सम्मेलन में जहां आतंकवाद और इक्कानी नेटवर्क को खत्म करने,और कट्टरवाद को रोकने पर सहमति बनी वहीं आपसी व्यापार और सहयोग बड़ाने के समझोते पर भी हस्ताक्षर किये गये साथ ही शांति स्थापना के साथ विकास की गति को बडाने के समुचित प्रयासों पर आपसी समझ और सहयोग से काम करने पर भी जोर दिया गया।
पाकिस्तान के साथ चीन भी आतंकवाद पर घिर गया है कारण पाकिस्तान का साथ देने के सहित पिछले दिनो उसने अजहर मसूद को बचाने में अहम भूमिका अदा की थी, ब्रिक्स सम्मेलन में जब आतंकवाद और आतंकवादियो के खात्मे के लिये सभी देश सहमत है अब चीन अजहर मसूद या आतंक पर पाकिस्तान का पक्ष लेता है तो वह खुद फ़ँस जायेगा क्योकि आज ब्रिक्स सम्मेलन में चीन ने भी स्वीकार किया है कि वह आतंकवादियो के खिलाफ़ ब्रिक्स देशो के साथ है।