कम वर्षा होने के कारण कम पानी की वैकल्पिक फसलों की बोनी हो, कृषि उत्पादन आयुक्त मीणा ने समीक्षा की
ग्वालियर– प्रदेश के कृषि उत्पादन आयुक्त पीसी मीणा ने कहा है कि प्रदेश में किसानों की आय को दोगुना करने के लिए जिलावार कार्य योजना तैयार की गई है। प्रत्येक जिले में इस योजना के अपेक्षा के अनुरूप सुखद परिणाम परिलक्षित होना चाहिए। उन्होंने इस वर्ष कम हुई वारिष पर चिंता जताते हुए कहा कि अल्प वर्षा को ध्यान में रखकर किसानों को व्यापक प्रचार-प्रसार के माध्यम से यह बताया जाये कि कम पानी में फसल की कौन सी किस्में अधिक से अधिक पैदावार की जा सकती हैं। वैकल्पिक फसलों की बौनी पर भी उन्होंने विशेष जोर दिया।
श्री मीणा शनिवार को ग्वालियर एवं चम्बल संभाग की खरीफ फसलों की समीक्षा तथा रवी फसलों की तैयारियां की समीक्षा बैठक को सम्बोधित कर रहे थे। मोती महल स्थित मानसभागार में आयोजित बैठक में कृषि उत्पादन आयुक्त मीणा ने रवी फसल की तैयारियों पर चर्चा करते हुए कहा कि फसल कटाई का प्रयोग नीतिगत हो, इसमें विसगंति नहीं होना चाहिए। फसल की वास्तविकता को देखते हुए कटाई प्रयोग की रिपोर्ट तैयार हो कलेक्टर इस ओर विशेष ध्यान दें तथा कृषि उत्पादन का सही आकलन सुनिश्चित करायें ताकि उनकी आय में कमी न हो और वे उत्तरोत्तर कृषि के क्षेत्र में वृद्धि कर सके। मीणा ने कहा कि जिन क्षेत्रों में पानी की कमी है उन क्षेत्रों में किसानों को चने की फसल लेने के लिए प्रोत्साहित किया जाये। उन्होंने व्यवसायिक फसलों के लिए भी प्रोत्साहित करने पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि कृषि के क्षेत्र में किये जा रहे नये-नये प्रयोगों से भी कृषकों को अवगत किया जाये। प्रदेश में किसानो के हितार्थ में लागू की गई महत्वपूर्ण भावान्तर योजना का उल्लेख करते हुए कृषि उत्पादन आयुक्त ने कहा कि अब किसानों को उनकी उपज का विक्रय करने पर 50 हजार रूपये का नगद भुगतान किया जा रहा है। बैंकों को पर्याप्त पैसा भी उपलब्ध कराया है।