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बदलापुर कांड के आरोपी के एनकाउंटर पर बॉम्बे हाईकोर्ट ने उठाए सबाल,कहा डिफेंस में पुलिस ने सिर पर गोली क्यों मारी?

Bombay High Court
Bombay High Court

मुंबई / पुणे के बदलापुर के एक स्कूल में दो मासूम बच्चियो के यौन शौषण के आरोपी अक्षय शिंदे को पुलिस ने एनकाउंटर में मार दिया था। इस मामले की सुनवाई करते हुए बॉम्बे हाईकोर्ट ने पुलिस को कटघरे में खड़ा करते हुए सख्त टिप्पणी की है और पुलिस से पूछा कि उसने अपने डिफेंस में उसके सिर में ही गोली क्यों मारी जबकि वह उसके हाथ या पैर में भी गोली मार सकती थी।

बदलापुर मामले के आरोपी अक्षय शिंदे के पिता की याचिका की सुनवाई करते हुए बॉम्बे हाईकोर्ट ने कहा है कि इस एनकाउंटर में गड़बड़ी साफ दिखाई दे रही है पहली नजर में यह एनकाउंटर नहीं दिखता, कोर्ट ने कहा यह समझ से परे है कि पुलिस कस्टडी में एक आरोपी पुलिस अफसर से पिस्टल छीन लेता है और उसे अनलॉक कर लोड भी कर लेता है और फायरिंग कर एक पुलिस कर्मी को घायल भी कर देता है लेकिन इतना सब कुछ होने बावजूद उसको ले जा रहे 4 पुलिस कर्मी उसपर काबू नही कर पाते ऐसा क्यों। एक व्यक्ति 4 लोगों पर हावी हो गया यह बात भी बड़ी अजीब लगती हैं।

हाईकोर्ट ने यह भी कहा कि यदि पुलिस को अपने बचाव में जवाबी कार्यवाही करना ही थी तो आरोपी अक्षय शिंदे के हाथ पैर में गोली मारने की बजाय सिर को ही निशाना क्यों बनाया। कोर्ट ने घायल पुलिस कर्मी की मेडिकल रिपोर्ट जमा करने के साथ एनकाउंटर करने वाले पुलिस कर्मी का बैच और जिस बंदूक से इसे मारा गया उसकी जानकारी और बंदूक के फिंगर प्रिंट कोर्ट को उपलब्ध कराने के निर्देश भी पुलिस को दिए है साथ ही हाईकोर्ट ने एक स्वतंत्र एजेंसी से इस पूरे मामले की जांच कराने को भी कहा है।

जैसा कि को यौन शोषण का यह दुर्दांत आरोपी अक्षय शिंदे पुलिस कस्टडी में जब तलोजा जेल से जांच के लिए बदलापुर ले जाया जा रहा था उस समय यह एनकाउंटर हुआ था। पुलिस के मुताबिक अपने सेल्फ डिफेंस में उसने उसे गोली मारी थी जिससे उसकी मौत हो गई।

रैप कांड के आरोपी अक्षय शिंदे के पिता के वकील ने इस एनकाउंटर को महिमामंडित करने का आरोप लगाया है। उनका कहना है महाराष्ट्र में होने वाले चुनाव के मद्देनजर इस एनकाउंटर को चुनावी फायदे के लिए राजनेतिक रूप दिया जा रहा है। नेताओं के साथ बदलापुर का बदला के पोस्टर लगाएं जा रहे है पुलिस को इनाम दिया जा रहा है मिठाई बांटी जा रही है। यदि इस तरह इस मामले को महिमा मंडित किया जाता है तो यह हमारे देश के संविधान और लोकशाही के अधिकार को कमतर आंकने का प्रयास दिखाई देता है।

Alkendra Sahay

The author Alkendra Sahay

A Senior Reporter

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