प्रयागराज / प्रसिद्ध बॉलीवुड अभिनेत्री ममता कुलकर्णी ने महाकुंभ 2025 के दौरान किन्नर अखाड़े की महामंडलेश्वर पदवी प्राप्त की है। संगम तट पर विधिपूर्वक उनके पिंडदान के बाद उन्हें यह पदवी मिली और उन्हें ‘यामाई ममता नंद गिरि’ के नाम से संबोधित किया गया। इस अवसर पर उनका पट्टाभिषेक किया गया, जिसमें शास्त्रीय धार्मिक प्रक्रियाओं के तहत शिखा त्याग और दीक्षा का पालन किया गया।
ममता कुलकर्णी की यह पदवी प्राप्ति किन्नर समाज के लिए एक ऐतिहासिक घटना है, जो धार्मिक और सामाजिक संदर्भ में न केवल समाज को एक नया दृष्टिकोण प्रदान करती है, बल्कि इसे एक महत्वपूर्ण मोड़ पर भी रखती है।
महामंडलेश्वर के रूप में ममता अब समाज में नए बदलाव की दिशा में एक प्रेरणा बनकर उभरी हैं। किन्नर अखाड़े में इस पदवी का ऐलान समाज में सकारात्मक चर्चाएं और उत्साह का कारण बना है, जिससे यह कदम समाज के धार्मिक और सांस्कृतिक सरोकारों से जुड़ा हुआ है।
जैसा कि सिने अभिनेत्री ममता कुलकर्णी अविवाहित है उन्हें पहले भी भगवा चोले में देखा गया है उनका सनातन के प्रति आध्यात्मिक झुकाव रहा है ममता हाल ही में करीब 25 साल बाद विदेश से लौटी है वतन वापिसी पर इमोशनल होते हुए उन्होंने एक वीडियो भी पोस्ट किया था।
जैसा कि ममता कुलकर्णी शुक्रवार की सुबह प्रयागराज महाकुंभ में किन्नर अखाड़े में पहुंची थी कहां उन्होंने किन्नर अखाड़े की आचार्य महामंडलेश्वर लक्ष्मीनारायण त्रिपाठी से मुलाकात की और उनका आशीर्वाद लिया दोनों के बीच काफी समय तक चर्चा भी हुई जिसके बाद ममता कुलकर्णी को किन्नर अखाड़े में शामिल किए जाने पर सहमति दी गई।
बताया जाता है इसके बाद महामंडलेश्वर लक्ष्मीनारायण त्रिपाठी ,ममता कुलकर्णी को लेकर अखिल भारतीय अखाड़ा के अध्यक्ष रविंद्र पुरी के पास गई, जहां ममता कुलकर्णी और रविन्द्र पुरी के बीच काफी समय तक बातचीत हुई। इस दौरान किन्नर अखाड़े के अन्य पदाधिकारी भी मौजूद थे। तदोपरांत अध्यक्ष से सहमति मिलने के बाद ममता कुलकर्णी को किन्नर अखाड़े में संन्यास दीक्षा देने और उन्हें साध्वी बनाने के साथ महामंडलेश्वर बनाने की प्रक्रिया शुरू की गई। हालांकि किन्नर अखाड़े ने ममता कुलकर्णी को महामंडलेश्वर बनाने में पूरी गोपनीयता बरती लेकिन ऐसा हो नहीं पाया।