अध्यक्ष मामले को सुलझाने बीजेपी के राष्ट्रीय नेतृत्व ने बनाई 5 सदस्यीय कमेटी
विरोध करने वाले नेताओं ने भगत पर अभद्र टिप्पणी पर जताया खेद पर अध्यक्ष को हटाने कीं मांग रखी बरकरार
टीआई को गाली देने के मामले को बनाया अपना हथियार
ग्वालियर– ग्वालियर के नवनियुक्त बीजेपी अध्यक्ष कमल माखीजानी का विरोध थमने का नाम नही ले रहा हैं विरोध की अगुआई करने वाले पूर्व अध्यक्ष सहित अन्य 6 दिग्गजो ने प्रदेश संगठन मंत्री सुहास भगत के खिलाफ टिप्पणी को लेकर तो अपना खेद व्यक्त कर दिया लेकिन माखीजानी के खिलाफ युद्ध जारी रखने की कहकर अप्रत्यक्ष रूप से बीजेपी हाईकमान को ही चेतावनी दे दी हैं।
लेकिन अब इस मुद्दे को लेकर राष्ट्रीय नेतृत्व ने 5 सदस्यीय टीम की घोषणा की हैं जिससे लगता है कि फिलहाल यह मुद्दा निबटने का नही है एक तरह से उसे और हवा मिल गई है।
विगत दिनों कमल माखीजानी की बीजेपी अध्यक्ष पद पर ताजपोशी के तुरंत बाद बीजेपी का एक धड़ा एकाएक सक्रिय हुआ और आनन फानन एक बैठक कर कमल माखीजानी के खिलाफ बिगुल फूंक दिया इतना ही नही इन्होंने अपने क्षेत्रीय सांसद विवेक शेजवलकर के साथ प्रदेश संगठन महामंत्री सुहास भगत को लपेटे में लेते हुए उन्हें ही बाले बाले इस नियुक्ति का जिम्मेदार बताकर आरोप प्रत्यारोपों की झड़ी लगादी थी।
बाद में जब यह मामला प्रदेश नेतृत्व से होता हुआ दिल्ली हाईकमान तक पहुंचा तो बैठक में शामिल 6 नेता बैकफुट पर आ गये और प्रदेश महामंत्री सुहास भगत के खिलाफ लगाये संगीन आरोपो पर अपना खेद तो प्रकट किया लेकिन अध्यक्ष को हटाने की मुहिम जारी रखने की बात भी कही जिससे मामला फिर अधर में लटक गया। जबकि राष्ट्रीय अध्यक्ष को भेजे पत्र पर 35 बीजेपी नेताओं ने हस्ताक्षर किये थे अब 6 नेता ही सामने आये हैं। जिसमें बीजेपी के पूर्व अध्यक्ष देवेश शर्मा जयसिंह कुशवाह वेदप्रकाश शिवहरे महेश उमरैया शरद गौतम और अरुण सिंह तोमर के नाम शामिल है।
खास बात हैं कि भाजपा नेतृत्व को सुहास भगत के खिलाफ टिप्पणी पर माफी नामा भेजने के बाद फिर एक बैठक हुई जिसमें पूर्व अध्यक्ष अभय चौधरी जयसिंह कुशवाह ब्रजेन्द्र सिंह जादौन भी शामिल हुए उन्होंने प्रदेश अध्यक्ष वी डी शर्मा से फोन पर बातचीत करते हुए कहा कि माखीजानी ने टीआई से विवाद मामले में स्वीकारा है कि उन्होंने टीआई को नही बल्कि अपने कार्यकर्ता को गाली दी थी।
इसको लेकर पार्टी कार्यकर्ता नाराज हैं और वे माखीजानी के अध्यक्ष रहते पार्टी का काम नही करेंगे ऐसा उनका कहना हैं इन नेताओं ने भी चेतावनी दी है कि कार्यकर्ता नाराज है इसलिये जब तक कमल माखीजानी अध्यक्ष रहेंगे वे भी पार्टी की बैठको में शामिल नही होंगे।
इस तरह टीआई मामले को माखीजानी के विरोधियों ने लगता हैं पूरी तरह भुनाने का मन बना लिया है और अब कार्यकर्ताओ के कन्धे पर बन्दूक रखकर माखीजानी को पद से हटाने की फिराक में नजर आ रहे हैं।
जबकि अब राष्ट्रीय नेतृत्व ने इस मामले को सुलटाने के लिये 5 सदस्यीय टीम का गठन किया है जिसमें मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर खुद प्रदेश संगठन महामंत्री सुहास भगत प्रदेश प्रभारी विनय सहस्त्रबुद्धे प्रदेश अध्यक्ष वी डी शर्मा शामिल हैं। अब देखना होगा ऊंट किस करवट बैठता हैं।
लेकिन खास बात हैं आज तक के इतिहास में खासकर भारतीय जनता पार्टी में इस तरह का प्रत्यक्ष विरोध देखने में नही आया जो काफी अचंभित करने वाला हैं जबकि हाल में विधानसभा के उपचुनाव भी सर पर है ऐसे में यह विरोध कही पार्टी को नुकसान नही पहुँचा दे इसका डर पैदा होना भी लाजमी हैं।