गुजरात और हिमाचल में बीजेपी की जीत, मिला स्पष्ट बहुमत, कांग्रेस पिछड़ी
अहमदाबाद ,शिमला – गुजरात और हिमाचल प्रदेश में भारतीय जनता पार्टी ने कांग्रेस को पछाड़ दिया है आज हुई मतगणना में बीजेपी ने गुजरात में रिकार्ड छटवीं बार सत्ता हासिल कर ली हैं। लेकिन पिछले चुनाव की तुलना में बीजेपी की सीटें घट गई हैं गुजरात की कुल 182 सीटों में से बीजेपी ने 99 सीटो पर सफ़लता प्राप्त की हैं तो कांग्रेस को 80 सीटे मिली हैं । कहा जा सकता हैं कि कांग्रेस और बीजेपी में कांटे का मुकाबला रहा। जबकि हिमाचल की कुल 68 सीटो में बीजेपी ने 44 तो कांग्रेस ने 21 सीटे जीती हैं । इस तरह दौनो प्रदेशों में बीजेपी को स्पष्ट बहुमत मिल गया हैं।
आज सुबह शुरू हुई मतगणना के पहले दो राउंड में कांग्रेस के पक्ष में रूझान आ रहे थे लेकिन कांग्रेस यह बड़त बनाये रखने में कामयाब नही रही और अन्तत: बीजेपी ने 99 विधानसभा सीटो पर जीत हासिल कर ली और गुजरात की सत्ता पर फ़िर से कब्जा जमा लिया जबकि कांग्रेस ने 80 विधानसभा सीटो पर ही सफ़लता अर्जित की और तीन सीटे अन्य के खाते में गई।
पिछले चुनाव की तुलना में बीजेपी को 16 सीटों का घाटा रहा पहले उसके पास कुल 182 में से 115 सीटें थी वही कांग्रेस जिसपर 61 सीटे थी उसने 19 सीटो का इजाफ़ा किया हैं ।जहां तक मत प्रतिशत की बात करे बीजेपी के मत प्रतिशत में एक अंक की बढोतरी हुई हैं और वह 49 फ़ीसदी हो गया वही है कांग्रेस का वोट परसन्टेज 43 फ़ीसदी रहा । इसके अलावा कांग्रेस सीटो में जरूर पीछे रह गई लेकिन बीजेपी के गढ में उसने सैंध लगाने का काम किया है यही बजह रही कि बीजेपी अपने 84 गढ में से 62 पर ही सफ़ल हो सकी । लेकिन कांग्रेस ने अपने 15 गढो़ में फ़िर जीत हासिल की हैं उन्हें छिटकने नही दिया ।देखा गया कि सेन्ट्रल गुजरात ,दक्षिण गुजरात , गुजरात उत्तर में बीजेपी ने बढत बनाई तो सौराष्ट्र कच्छ की अधिकांश विधानसभाओं में कांग्रेस ने जीत हासिल की।
खास बात रही कि पिछले 22 सालो से गुजरात में बीजेपी की सरकार हैं अब 2017 में छट्वीं बार उसने गुजरात की सत्ता प्राप्त कर नया इतिहास जरूर रच दिया हैं। हिमाचल प्रदेश में कुल 68 सीटों पर चुनाव हुए थे जिसमें से 44 पर बीजेपी ने और 21 सीटों पर कांग्रेस ने जीत हासिल की हैं और 3 विधानसभा सीटे अन्य के खाते में रही हैं यहां कांग्रेस सत्तासीन थी लेकिन बीजेपी ने यहां जीत हासिल कर कांग्रेस से सत्ता छीन ली लेकिन हिमाचल का इतिहास भी रहा हैं कि यहां सत्ता में रहने वाली पार्टी दुबारा सरकार नही बनाती।