नई दिल्ली/ लोकसभा चुनाव के लिए बीजेपी ने उत्तर प्रदेश सहित देश की 100 से 120 सीटों पर अंतिम फैसला ले लिया है थोड़ी बहुत रद्दोबदल के बाद पार्टी जल्द प्रत्याशियों की अपनी पहली सूची जारी कर देगी। खास बात है पिछले चुनाव में हारी हुई सीटों पर बीजेपी का खास फोकस है साथ ही कुछ राज्यों में पार्टी नए नामों पर भी दांव लगा सकती है।
गुरुवार को प्रत्याशियों के चयन के लिए भाजपा की केंद्रीय चुनाव समिति की एक बड़ी बैठक दिल्ली में हुई , जिसमें पीएम नरेंद्र मोदी, अमित शाह अध्यक्ष जेपी नड्डा और चुनाव अभियान समिति के अन्य सदस्य शामिल हुए थे खास बात है इस बैठक में शुक्रवार सुबह साढ़े तीन बजे तक चिंतन मनन होता रहा इससे समझा जा सकता है कि बीजेपी काफी सोच समझकर अपने उम्मीदवारों के नाम तय कर रही है तो राजस्थान मध्यप्रदेश सहित कुछ राज्यों में पार्टी ने नए नामों पर भी विचार किया । इससे साफ होता है कि प्रधानमंत्री मोदी खुद इस बैठक में अंतिम समय तक मोजूद रहे और एक एक लोकसभा सीट पर उनकी पैनी नजर रही ,इससे लगता है प्रत्याशी चयन प्रक्रिया के प्रति वह कितने गंभीर है।
सूत्रों के मुताबिक उत्तर प्रदेश को लेकर बीजेपी नेतृत्व ने खास रणनीति बनाई है पार्टी की कुल 80 में वह 62 सीटें पिछले चुनाव में जीती थी इस बैठक में उनमें से 50 सीटों पर चर्चा लगभग पूरी हो गई है बीजेपी 6 सीटें एनडीए में शामिल अपने घटक दलों को देगी जबकि बकाया 74 सीटों पर वह खुद अपने प्रत्याशियों को उतारेगी, 6 सीटों में 2 सीटें आरएलडी को पश्चिमी यूपी की, 2 सीटें अपना दल (एस) को और एक एक सीट ओमप्रकाश राजभर की और संजय निषाद की पार्टी और को दे सकती है। जबकि उत्तराखंड की 5 सीटें है और सभी 5 सीट 2019 के चुनाव में बीजेपी ने जीती थी इन सभी 5 सीटों के नाम करीब करीब फायनल है जो पहली सूची में घोषित हो सकते है।
तेलंगाना की कुल 17 सीटों में से फिलहाल पार्टी ने पुरानी जीती हुई 4 सीटों पर ही बात की इनमें से तीन मौजूदा सांसद जी किशन रेड्डी सिकंदराबाद, बंडी संजय कुमार करीमगंज से और धर्मापुरी अरविंद निजामाबाद से फिर चुनाव लड़ सकते है इनके नाम भी पहली सूची में आने की संभावना है। जबकि असम की 14 में से 11 सीटों पर चर्चा होने की जानकारी मिली है जबकि 2019 में बीजेपी पर 9 सीटें जीती थी इसके साथ ही गोवा की 2 जम्मू कश्मीर की 4 और दिल्ली की 7 सीटों पर भी चर्चा हुई है।
मध्यप्रदेश की 29 सीटों पर भी चर्चा हुई 2019 में यहां बीजेपी ने छिंदवाड़ा को छोड़कर 28 सीटें जीती थी खास बात है मध्यप्रदेश से कुछ सांसदों को भाजपा ने विधानसभा चुनाव में भी उतारा था उनकी जीत के बाद उन सीट पर नया प्रत्याशी खड़ा करने की भी चुनौती पार्टी पर है अब इस मौके पर पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान अध्यक्ष वीडी शर्मा प्रमुखता से मोजूद रहे। यहां भी पहली सूची में अधिकांश नाम सामने आ जायेंगे। जबकि राजस्थान में 25 लोकसभा सीट है 2019 में सभी सीटें बीजेपी ने जीती थी यहां भी कई सांसदों को विधानसभा चुनाव में उतारा गया था जानकारी के मुताबिक यहां 25 में से 10 सीटों पर प्रत्याशी बदले जा सकते है।
तेलंगाना की कुल 17 सीटों में से फिलहाल पार्टी ने पुरानी जीती हुई 4 सीटों पर ही बात की इनमें से तीन मौजूदा सांसद जी किशन रेड्डी सिकंदराबाद, बंडी संजय कुमार करीमगंज से और धर्मापुरी अरविंद निजामाबाद से फिर चुनाव लड़ सकते है इनके नाम भी पहली सूची में आने की संभावना है। जबकि असम की 14 में से 11 सीटों पर चर्चा होने की जानकारी मिली है जबकि 2019 में बीजेपी पर 9 सीटें जीती थी इसके साथ ही गोवा की 2 जम्मू कश्मीर की 4 और दिल्ली की 7 सीटों पर भी चर्चा हुई है।
जबकि महाराष्ट्र की कुल 48 सीटों में से 23 पर बीजेपी 2019 में जीती थी इनमें से 15 पर पुराने नामों को अंतिम रूप देने पर बातचीत हुई जबकि 8 मौजूदा सांसदों के टिकट काट सकते है। लेकिन बदले हुए समीकरण में इस बार उसे शिंदे गुट की शिवसेना और अजीत पवार की एनसीपी और एनडीए में शामिल अन्य छोटे दलों को भी सीट शेयरिंग करना है इसलिए फिलहाल पार्टी ने जीती हुई सीटों पर ही खास फोकस बनाया हुआ है।
फिलहाल जो नाम लगभग फायनल है और जो पहली सूची में आ सकते है उनमें शामिल कुछ प्रमुख नामों पर नजर डाली जाएं तो वाराणसी से नरेंद्र मोदी गांधीनगर अमित शाह, जोधपुर गजेंद्र सिंह शेखावत,ग्वालियर ज्योतिरादित्य सिंधिया विदिशा शिवराज सिंह चौहान, नैनीताल अजय भट्ट अमेठी स्मृति ईरानी महेंद्र गढ़ भूपेंद्र यादव अरुणाचल पश्चिम किरण रिजजू, हुगली लॉकेट चटर्जी संबलपुर धर्मेंद्र प्रधान पूरी संबित पात्रा प्रमुख रूप से शामिल है।