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मध्यप्रदेश कांग्रेस में बड़ा बदलाव, जीतू पटवारी बने कांग्रेस अध्यक्ष, उमंग सिंगार को नेता प्रतिपक्ष और हेमंत कटारे को उपनेता प्रतिपक्ष की जिम्मेदारी

MP Congress Changes
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नई दिल्ली, भोपाल/ कांग्रेस हाईकमान ने मध्यप्रदेश में बहुत बड़ा फेरबदल किया है कमलनाथ को हटाकर जीतू पटवारी को प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष की कमान सौंपी है साथ ही उमंग सिंगार को विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष और हेमंत कटारे को उमनेता प्रतिपक्ष की जिम्मेदारी दी है खास बात है कांग्रेस ने इन नियुक्तियों में जातिगत और क्षेत्रीय समीकरण को साधने का भी पूरा पूरा ध्यान रखा है।

मध्यप्रदेश बुरी तरह पराजित होने के बाद लगता है कांग्रेस का केंद्रीय नेतृत्व चेत गया और उसने प्रदेश संगठन एक बड़ी सर्जरी की है। कांग्रेस ने पीसीसी अध्यक्ष पद से कमलनाथ को हटाकर तेजतर्रार नेता जीतू पटवारी की प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष पद पर नियुक्ति की है साथ ही उमंग सिंगार को नेता प्रतिपक्ष और हेमंत कटारे को उपनेता प्रतिपक्ष बनाया है साफ है कांग्रेस युवाओं को आगे लाकर पार्टी को नई ऊर्जा देने के साथ कार्यकर्ताओं में नया जोशाखरोश भरने की तैयारी में दिखती है।

जैसा कि जीतू पटवारी (50 साल) राऊ सीट से विधायक थे लेकिन राऊ सीट से वह 2023 का चुनाव हार गए है लेकिन केंद्रीय संगठन ने उनपर भरोसा जताते हुए उन्हें अध्यक्ष पद सौंपा है पटवारी ओबीसी जातिवर्ग से आते है।

जबकि उमंग सिंगार (49 साल) आदिवासी वर्ग से है और पूर्व डिप्टी सीएम जमुना देवी के भतीजे है यह धार जिले की गंधवानी सीट से चौथी बार जीतकर विधानसभा में पहुंचे है।

वही हेमंत कटारे (39 साल) भिंड जिले की अटेर विधानसभा सीट से विजई हुए है वह 2013 में भी इस सीट से जीते थे लेकिन 2918 में हार गए थे यह ब्राह्मण वर्ग से आते है और पूर्व नेता प्रतिपक्ष सत्यदेव कटारे के बेटे है जो प्रदेश के गृहमंत्री रहने के साथ चार बार अटेर से विधायक रहे थे।

जैसा कि जीतू पटवारी और उमंग सिंगार दोनों ही राहुल गांधी के नजदीकी है साफ है इनकी नियुक्ति में राहुल गांधी की सहमति जरूर होगी, पिछला इतिहास देखा जाए तो जीतू पटवारी की कमलनाथ से और उमंग सिंगार की दिग्विजय सिंह से पटरी नही बैठ रही थी। जबकि इनकी नियुक्ति से यह भी साफ होता है कि कांग्रेस में पुरानी पीढ़ी के नेताओं का दौर खत्म होता जा रहा है और उम्रदराज नेताओं की बजाय युवा नेतृत्व को बागडोर सौंपी जा रही है क्योंकि इन तीनों की उम्र 50 या उससे कम है।

लेकिन चुनाव हारने के बाद फिलहाल कांग्रेस की जो हालत है उसमें जान फूंकने की जिम्मेदारी इनपर होगी अपनी सांगठनिक क्षमता के बलबूते सभी को साथ लेकर चलने के साथ कार्यकर्ताओं में नई ऊर्जा और उत्साह का संचार करने के लिए खासकर जीतू पटवारी को काफी मेहनत करना पड़ेगी।

अध्यक्ष बनने के बाद जीतू पटवारी ने कहा भी है कि कमलनाथ और दिग्विजय सिंह के मार्गदर्शन में वह पार्टी को आगे बड़ाने के साथ उसे मजबूत करने का पूरा प्रयास करेंगे। खास बात है जिस तरह बीजेपी ने हाल में दिग्गजों को अलग थलग करते हुए युवाओं को तीनों प्रदेशों में कमान सौंपी है लगता है उसी राह पर कांग्रेस भी चल पड़ी है।

 

Alkendra Sahay

The author Alkendra Sahay

A Senior Reporter

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