भोपाल / मध्यप्रदेश के भोपाल में एक 7 माह के बच्चें के साथ जो घटना घटी वह काफी दर्दनाक थी लेकिन अब क्या प्रशासन आगे ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए आवारा कुत्तों के खिलाफ अभियान चलाता है यह देखना होगा क्योंकि कुत्तों के हमले की यह पहली घटना नहीं है। शनिवार को पुलिस ने मृत बच्चें का शव बाहर निकाला और उसे पीएम के लिए भेजा इधर बाल आयोग ने कहा है कि इस दिल दहलाने वाली घटना के लिए निगम अधिकारी ही जिम्मेदार है। जबकि कलेक्टर ने स्ट्रीट डॉग्स के खिलाफ अभियान चलाने के कड़े निर्देश दिए ,निगम आयुक्त ने कहा कि जांच में यदि अधिकारी दोषी पाएं जाते है तो उनके खिलाफ सख्त कार्यवाही की जायेगी।
भोपाल के मिनाल रेजीडेंसी में गुरुवार को यह घटना हुई थी पार्क में सो रहे 7 माह के केशव को तीन आवारा कुत्ते घसीटकर ले गए और उसका एक हाथ खाने के साथ इसके शरीर को नोच डाला जिससे कई गहरे जख्म हो गए और उस बच्चें की मौत हो गई। परिजनों को उसका शव मिला। परिजनों ने शव दफना दिया शुक्रवार को इस मामले का तब खुलासा हुआ जब कुत्तों को पकड़ने निगम का डॉग स्क्वायड पहुंचा इस बीच सोशल मीडिया पर जब लोगों को जानकारी मिली तो स्थानीय लोगों ने हंगामा कर दिया उनका गुस्सा प्रशासन पुलिस और निगम तीनों के खिलाफ था।
खबर मिलने पर शनिवार को राष्ट्रीय बाल संरक्षण आयोग ने इसका संज्ञान लिया और मौके पर घटना का जायजा लेने पहुंचा उसके अध्यक्ष प्रियंक कानूनगो ने इस गंभीर घटना के लिए सीधा सीधा अधिकारियों को दोषी बताया और कहा कि यह दिल दहलाने वाली घटना है इसके लिए अधिकारी ही जिम्मेदार क्योंकि वे जवाबदेह है संबंधित अफसरों को हम नोटिस देने जा रहे है।
इधर कलेक्टर कोशलेंद्र विक्रम सिंह ने नगर निगम कमिश्नर फ्रैंक नोबेल ए और अधिकारियों के साथ मीटिंग की और स्ट्रीट डॉग्स को पकड़ने के कड़े निर्देश दिए। कलेक्टर ने बताया कि यह दुखद एवं संवेदनशील मामला है इस पर तत्काल एक्शन लिया गया एफआईआर के निर्देश के साथ स्ट्रीट डॉग्स को पकड़ने का अभियान चलाया जायेगा। वही निगम आयुक्त का कहना है कि जांच में जो तथ्य सामने आयेंगे उसे आधार पर कड़ी कार्यवाही होगी और डॉग स्क्वायड के अधिकारियों के खिलाफ भी कार्यवाही हो सकती है।
शनिवार को बच्चें के पिता देवेंद्र और अन्य परिजनों के बयान दर्ज किए। जबकि मृत बच्चे के पिता देवेंद्र का कहना था कि मैं और मेरी पत्नी मिनाल रेजीडेंसी में साफ सफाई का काम करते है गुरुवार को सुबह हम यहां बच्चों के साथ काम करने आए थे मेरी पत्नी रक्षा 7 माह के केशव को दूध पिलाने के बाद पार्क में सुलाकर आ गई थी उसके पास मेरी बेटी सेवनिया (7 साल) थी हम छोटी बच्ची परी (5 साल) के साथ झाड़ू लगाने निकल आएं। जब रक्षा लौटकर पार्क में गई तो बच्चा नहीं मिला सेवनिया खेलते दूर चली गई जब हमने खोजबीन की तो पता चला तीन कुत्ते बच्चें को उठा ले गए। बाद में मेरे साथ के लोगों को उसका शव मिला उसे देखा नही जा रहा था बुरी हालत थी मेरे साथियों ने मुझे देखने नही दिया उस समय मेरी क्या हालत हो गई मैं बता नहीं सकता कुछ समझ नहीं आ रहा था क्या करू केशव मेरा इकलौता बेटा था दो बेटियों के बाद आया था बड़ा चहेता था उसे जन्म पर हमारी खुशी का ठिकाना नहीं था लेकिन अब उसकी मां उसकी मौत से सदमे में है होश खो चुकी है बीमार हो गई है अब सब कुछ खत्म हो गया हमारी खुशियां छिन गई।
यह इस तरह का भोपाल में यह कोई पहला मामला नहीं है इससे पहले 2 फरवरी 2018 को धार वाली बस्ती में डेढ़ साल के शेख रजा को कुत्ते उठा ले गए और उसके शरीर के चिथड़े कर उसे मार डाला था। 10 मई 2019 को अवधपुरी निवासी 6 साल के राजू पर 10 से ज्यादा आवारा कुत्तों ने एकसाथ हमला बोल दिया और उसे मार डाला। जबकि 16 जून 2022 को द्रोणाचार्य मिलिट्री एरिया में 7 साल के रितेश भमोरे पर हमला कर उसे मार डाला था। इसके अलावा भोपाल के दानखेड़ा इलाके की सर्वधर्म कॉलोनी में 6 नवंबर 22 को एक 4 साल की बच्ची पर कुत्तों के झुंड ने हमला कर जगह जगह काट लिया था गंभीर अवस्था में उसे अस्पताल में भर्ती कराया गया। भोपाल के अशोका गार्डन बाग सेवनिया और करोंद इलाके आवारा कुत्तों के लिए कुख्यात है यहां कुत्तों का भारी आतंक है लोग काफी दहशत में हैं।