ग्वालियर- हाईकोर्ट की ग्वालियर खंडपीठ ने प्रदेश सरकार और जेल के महानिदेशक को नोटिस जारी कर जबाब तलब किया है हाईकोर्ट ने ये जबाब जेल में विचाराधीन कैदियों के अन्य स्त्रोतों से आये सामान को प्रतिबंधित किये जाने को लेकर सोमवार तक मांगा है..दरअसल प्रदेश के जेल महानिदेशक ने 9 दिसंबर को एक आदेश जारी कर विचाराधीन कैदियों को सिर्फ 4 कपडों की ही पात्रता दी है बाकी सारे सामान को प्रतिबंधित कर दिया गया है..इसको लेकर विजय तिवारी नामक व्यक्ति ने एक जनहित याचिका हाईकोर्ट में लगाई है और डीजी के आदेश को चुनौती दी। याचिकाकर्ता के कहना है कि बिना विधानपरिषद की अनुमति अथवा जेल में मैन्यूअल में परिवर्तन किये बिना डीजी का ये आदेश मनमाना है कोर्ट ने भी सरकार से कहा है कि उसने ये आदेश किस आधार पर निकाला है प्रदेश में करीब 40 हजार से ज्यादा विचाराधीन कैदी जेल में बंद हैं इनमें वो महिलायें भी शामिल हैं जो गर्भवती हैं या उन्होंने हाल ही में बच्चों को जन्म दिया है एसे में महिला को जेल मैन्यूअल के हिसाब से अतिरिक्त प्रोटीनयुक्त भोजन दिया जाता है लेकिन 9 दिसंबर के आदेश के बाद विचाराधीन कैदियों के अन्य सामान को प्रतिबंधित कर दिया गया है जिससे उन्हें परेशानी की सामना करना पड रहा है..क्योंकि वे अभी सजायाफ्ता न होकर न्यायिक अभिरक्षा में हैं। अब सोमवार को डीजी जेल और सरकार की ओर से हाईकोर्ट में जबाब पेश किया जायेगा।
जेल में कैदियों के सामान पर प्रतिबंध, हाईकोर्ट ने डीजी से मांगा जवाब
