पटना/ पटना हाईकोर्ट ने प्रदेश में शुरू की गई जातिगत मतगणना पर लगाई अंतरिम रोक हटा दी है साथ ही इसको लेकर दायर सभी याचिकाएं खारिज कर दी हैं जैसा कि बिहार की नीतीश सरकार ने पिछले दिनों प्रदेश में जातिगत जनगणना शुरू कराई थी।
बिहार की नीतीश कुमार सरकार ने राज्य में आर्थिक सामाजिक सर्वे के आधार पर जातिगत जनगणना शुरू की थी तीन चरणों में होने वाली यह जनगणना का पहले चरण शुरूआत 7 से 14 अप्रैल तक हुई थी उसके बाद दूसरे चरण में 15 अप्रैल से 15 मई तक की जब जनगणना शुरू हुई तो बीजेपी नेताओं ने पटना हाईकोर्ट में उसके खिलाफ एक याचिका दायर कर दी जिसपर अदालत ने उसपर अंतरिम रोक लगा दी थी लेकिन आज हुई सुनवाई के दौरान हाईकोर्ट ने जातिगत जनगणना पर लगाई अंतरिम रोक हटाने का फैसला सुनाया है।
हाईकोर्ट के इस निर्णय का बिहार सरकार के मंत्री विजय चौधरी ने स्वागत किया है और कहा कि यह बिहार की जनता और सरकार दोनों की जीत है उन्होंने कहा कि यह फैसला बिहार के गरीब और शोषितों के हित में है यह एक प्रगतिशील निर्णय है आर्थिक और सामाजिक सर्वे के आधार पर होने वाली जातिगत जनगणना से गरीबों के उत्थान और विकास को गति मिलेगी उन्होंने कहा बीजेपी बेवजह इसमें अडंगा लगा रही थी उन्होंने आरोप लगाया कि वह हमेशा से दोहरे मापदंड अपनाती रही है।