गंगटोक / सिक्किम की राजधानी गंगटोक में पहाड़ों पर मंगलवार को अचानक हुए हिमस्खलन (इवलॉन्च) में 7 लोगों की मौत हो गई जिसमें 5 पुरुष एक महिला और एक बच्चा शामिल है।जबकि 150 सैलानियों के बर्फ में फंसे होने की आशंका है यह हादसा दोपहर 12.20 बजे नाथु ला दर्रे को जोड़ने वाले जवाहरलाल नेहरू मार्ग पर हुआ हैं। BRA की रेस्क्यू टीम ने अभी तक 22 लोगों को सुरक्षित निकालकर उनकी जान बचाई जिसमे से 6 लोगों को गहरी घाटी से बाहर निकाला गया है।
बताया जाता है पर्यटन विभाग प्रशासन ने नाथु ला दर्रे से 13 वे माइल स्टोन दूरी तक जाने के लिए घूमने आए सेलानियो को पास जारी किए थे क्योंकि दुर्घटना की संभावना के मद्देनजर इससे आगे जाने की परमीशन नही है लेकिन यह सैलानी जवाहर लाल नेहरू मार्ग के 14 वे माइल स्टोन तक जा पहुंचे और तभी यह हिमस्खलन हो गया चट्टानों पर जमी बर्फ के बीच यह लोग फंस गए अचानक हादसा होने से किसी को सम्हलने का मौका ही नही मिला।
घटना की खबर मिलते ही बॉर्डर रोड ऑर्गनाइजेशन ( BRO) सक्रिय हुआ और घटनास्थल पर रेस्क्यू ऑपरेशन शुरू किया गया जिसमे अभी तक 22 लोगों को बचाया गया जिसमें से 6 लोगों को बर्फ के नीचे से निकाला गया है लेकिन इस प्राकृतिक प्रकोप में अभी तक 7 लोगों की जान चली गई है जिसमे 5 पुरुष एक एक महिला और बच्चा शामिल है बताया जाता है इस हादसे में करीब 150 लोगों के बर्फ में फंसे होने की संभावना जताई जा रही है जिनको निकालने के लिए रेस्क्यू ऑपरेशन जारी है।
खास बात है अभी तक वैज्ञानिक यह भविष्यवाणी करने में अक्षम है कि एवलांच या हिमस्खलन कब और कहा हो सकता है केवल बर्फ के ढेर तापमान और हवा के रुख से हिमस्खलन के खतरे का अनुमान लगाया जा सकता है जबकि स्कीइंग वाले कुछ क्षेत्रों में एवलांच कर्ट्रोल टीमें तैनात रहती है। कुछ स्कीइंग वाले इलाकों में गश्ती दल हिमस्खलन को रोकने के लिए विस्फोटकों का इस्तैमाल भी करते है और खतरनाक ढलानों को तोप से उड़ा देते है ताकि किसी ढीले या नए बर्फ के ढेर के हिमस्खलन के ऊंचे पहाड़ों को बनने से रोका जा सके। जबकि कनाडा स्विजरलेंड जैसे देशों में इसके कंट्रोल के लिए स्पेशल टीम तैयार रहती हैं।