नई दिल्ली/ आतिशी मार्लेना दिल्ली की नई मुख्यमंत्री होंगी आज केबिनेट की बैठक में उन्हें विधायक दल का नेता चुना गया जिससे इस बात पर मुहर लग गई। आज शाम अरविंद केजरीवाल ने मुख्यमंत्री पद से एलजी को अपना इस्तीफा सौप दिया। इस मौके पर आतिशी ने कहा एक तरफ मुझे दुख है कि मेरे गुरू ने इस्तीफा दे दिया है मैं उनके निर्देश पर ही दिल्ली वासियों के भले के लिए सरकार चलाऊंगी मेरी प्राथमिकता शिक्षा स्वास्थ्य और स्वच्छता होगी।
आज सुबह आम आदमी पार्टी के विधायक दल की बैठक हुई जिसमें अरविंद केजरीवाल ने आतिशी के नाम का प्रस्ताव रखा जो ध्वनिमत से पास हो गया और आतिशी को विधायक दल का नेता चुना गया इसके बाद गोपाल राय ने आतिशी के अगले मुख्यमंत्री होने का ऐलान किया और कहा कि हमने विपरीत विषम परिस्थितियों में यह फैसला लिया है केजरीवाल की ईमानदारी पर कीचड़ उछाला जा रहा था उन्होंने संकल्प लिया है कि जनता उन्हें जब तक नहीं चुनेगी वह कुर्सी पर नही बैठेंगे।
आतिशी मार्लेना के विधायक दल का नेता और मुख्यमंत्री चुने जाने के बाद अरविंद केजरीवाल शाम करीब 5 बजे दिल्ली के उपराज्यपाल (एलजी) विनय सक्सेना से मिले और उन्होंने अपना इस्तीफा सौंपा इस मौके पर आतिशी मार्लोन और 4 मंत्री पद पर रहे नेता और राज्यसभा सांसद संजय सिंह गोपाल राय, प्रमुख रूप से मौजूद थे।
एलजी दफ्तर से बाहर आने के बाद गोपाल राय ने बताया कि अरविंद केजरीवाल ने उपराज्यपाल को अपना इस्तीफा सौप दिया है और हमने विधायक दल की नेता चुनी गईं आतिशी को नया मुख्यमंत्री बनाने का दावा पेश किया है साथ ही एलजी से हमने शपथ ग्रहण करने की तारीख की मांग की है।
जबकि मीडिया से चर्चा में आतिशी ने कहा कि मैं अरविंद केजरीवाल का धन्यवाद करती हूं कि उन्होंने मुझे इतनी बड़ी जिम्मेदारी दी, लेकिन मेरे गुरू के इस्तीफा देने के कारण यह दिल्ली वासियों और मेरे लिए यह दुख की घड़ी है इसलिए न मुझे न बधाई दे न माला पहनाकर स्वागत करे मैं दिल्ली वासियों के हित के लिए सदैव तत्पर रहूंगी उन्होंने कहा अगले चुनाव तक खास तौर पर मेरे दो प्रमुख काम है पहला दिल्ली के लोगो की भाजपा के षडयंत्र से रक्षा करना और दूसरा केजरीवाल जी को फिर से दिल्ली का सीएम बनाना।
दिल्ली की नई मुज्यमंत्री बनने वाली आतिशी अरविंद केजरीवाल और मनीष सिसोदिया की सबसे खास करीबी और भरोसेमंद महिला नेता हैं। उनके बारे में खास है कि उन्होंने केजरीवाल और सिसोदिया के जेल में रहने के दौरान पार्टी के स्टेंड को बखूबी कायम रखा और कार्यकर्ताओं को एकजुट रखा। वे 2013 में पार्टी के घोषणा पत्र समिति की सदस्य रह चुकी है। स्वाति मालीवाल केस के बाद महिला सीएम बनाकर पार्टी ने ड्रेमेज कंट्रोल करने का काम बखूबी किया। बताया जाता है दिल्ली सरकार का 26 एवं 27 सितंबर को दो दिन का विधानसभा सत्र आयोजित रखा गया है।
आतिशी पहली बार 2020 में कालकाजी सीट से विधायक बनी और उसी कार्यकाल के दौरान मुख्यमंत्री भी बन रही है। दिल्ली की वह तीसरी महिला मुख्यमंत्री होंगी इससे पहले बीजेपी की सरकार में सुषमा स्वराज मुख्यमंत्री रही उनका कार्यकाल काफी छोटा सिर्फ 52 दिन का रहा वह 12 अक्टूबर 1998 से 3 दिसंबर 1998 तक इस पद पर रही। जबकि कांग्रेस सरकार में शीला दीक्षित का कार्यकाल महिला मुख्यमंत्री के रूप मे 15 साल का सबसे ज्यादा रहा वे तीन बार दिल्ली की मुख्यमंत्री बनी उनका कार्यकाल 3 दिसंबर 1998 से 28 दिसंबर 2013 तक रहा।