-
नही रहे भारतीय राजनीति के अजातशत्रु प्रणब दा
-
पूर्व राष्ट्रपति ने 84 साल की उम्र में ली अंतिम सांस…
नई दिल्ली – भारतीय राजनीति के शिखर पुरुष पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी का लंबी बीमारी के बाद आज 84 साल की उम्र में दुखद निधन हो गया जैसा कि पूर्व राष्ट्रपति श्री मुखर्जी दिल्ली के आर्मी अस्पताल में भर्ती थे जहां आज उन्होंने अंतिम सांस ली। उनके निधन से देश में शोक की लहर देखी जा रही हैं। श्री मुखर्जी 2012 में देश के 13 वें राष्ट्रपति बने जबकि उन्हें सन 2019 में देश के सर्वोच्च सम्मान भारत रत्न से नवाजा गया था।
पिछले 10 अगस्त को पूर्व राष्ट्रपति की तबियत खराब हुई थी और वे कोरोना पॉजिटिव पाये गये थे बाद में उन्हें दिल्ली के आर्मी अस्पताल में भर्ती कराया गया था जहां फेफड़ों में संक्रमण के चलते उनकी हालत लगातार गिरती गई और वे कोमा में आ गये,इसी के चलते आज आर्मी हॉस्पिटल में उनका निधन हो गया।
देश के 13 वे राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी का 5 दशकों का राजनीतिक सफर रहा। पश्चिम बंगाल के एक छोटे से गांव में 11 दिसंबर 1935 को जन्में प्रणब दा सन 1969 पहली बार राज्यसभा सांसद के रूप में चुने गये और 1973 में इंदिरा गांधी की सरकार में शामिल हुए और 1980 से 1985 तक राज्यसभा सांसद और सदन के नेता रहे और 1982 देश के वित्त मंत्री का पद भी उन्होंने सम्हाला, 1991 में वे योजना आयोग के उपाध्यक्ष पद पर आसीन रहे उंसके बाद 2004 में रक्षा मंत्री 2009 में विदेश और 2009 से 2012 तक वे देश के वित्त मंत्री रहे|
प्रणब मुखर्जी ने 2012 में संक्रिय राजनीति से सन्यास ले लिया खास बात है प्रणब मुखर्जी ने देश के चार प्रधानमंत्रियों के साथ काम किया जिसमें इंदिरा गांधी राजीव गांधी नरसिम्हाराव और मनमोहन सिंह शामिल हैं। मनमोहन सिंह के कार्यकाल में उन्होंने रक्षा विदेश और वित्त मंत्री पद की गरिमा बढ़ाई। और मनमोहन सरकार में वे अपने राजनीतिक कद के कारण नंबर दो की हैसियत रखते थे।
श्री मुखर्जी 2012 में देश के 13 वें राष्ट्रपति बने और उनका कार्यकाल 2017 तक रहा।