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उत्तर प्रदेश

उत्तर प्रदेश में भेड़िए के बाद बाघ का आतंक, 4 लोगों की जान ली, फॉरेस्ट टीम रेस्क्यू ऑपरेशन में जुटी

Wolf and Tiger Attack
Wolf and Tiger Attack

लखीमपुर खीरी / उत्तर प्रदेश का ग्रामीण इलाका इन दिनों खूंखार जंगली जीवों का चारागाह बन गया है पहले बहराइच में आदमखोर भेड़ियों ने आतंक फैलाया अब लखीमपुरखीरी से जुड़े गांवों में हिंसक बाघों के विचरण और मानव शिकार करने से दहशत फैल गई है। अभी तक इन बाघों ने 4 लोगों पर हमला कर उन्हें मार डाला है। साथ ही दर्जनों पालतू मवेशियों का शिकार यह बाघ कर चुके हैं।

लखीमपुर खीरी में बाघों के हमले से मौतो का सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा हाल में जिले के इमलिया में एक किसान पर बाघ ने जानलेवा हमला किया जिससे इसकी मौत हो गई जिससे ग्रामीणों में भय का माहौल है किसान खेत में जाने से डर रहे है।

मंगलवार को ग्राम इमलिया में खेतों में काम कर रहे किसान अंबरीश कुमार पर बाघ ने हमला किया और उसे घसीट कर ले गया उससे पहले अंबरीश ने 4 बजे अपने बेटे को घास लेकर घर भेजा उससे कहा तू चल मैं आता हूं देर शाम तक वह घर नहीं लौटा तो खोजबीन शुरू हुई लेकिन उसका शव क्षतविक्षत हालत में गन्ने के खेत में मिला।

4 अगस्त को गोला वन रैंज की पश्चिमी बीट में बाघ एक 12 साल की बालिका को उठाकर ले गया जिसका आधा खाया शव गन्ने के खेत में ग्रामीणों को मिला, 2 अगस्त को मैनहा गांव में बाघ ने एक 9 वर्षीय लड़के को मार डाला उसका शव भी गन्ने के खेत में मिला जबकि 1 अगस्त की शाम घात लगाकर बैठ बाघ 10 साल के एक बच्चे का शिकार कर उसे खींच ले गया।

लखीमपुर खीरी के 400 वर्ग किलोमीटर के इलाके में बताया जाता है 8 खूंखार टाइगर्स सक्रिय है जो हिंसक हो गए है और मानव और मवेशियों पर उनके हमले जारी है जिससे करीब 100 गांव के करीब एक लाख ग्रामीण दहशत में है।

जबकि सीतापुर के महोली क्षेत्र में इन दिनों एक बाघिन यानि मादा टाइगर परिवार के साथ घूम रही है जिसके साथ एक बाघ और दो शावक देखे जा रहे है यह बाघिन 15 से 20 किलोमीटर में ज्यादा एक्टिव है इसने कई मवेशियों का शिकार किया है। जिससे सीतापुर के 8 गांवों में भय बना हुआ है।

उत्तर प्रदेश का लखीमपुर खीरी जिला दुधवा नेशनल पार्क और पीलीभीत टाइगर रिजर्व से सटा हुआ है इन अभ्यारण में 140 बाघ है वन विशेषज्ञों के मुताबिक पार्क में शिकार की कमी और आपसी फाइट के चलते इन बाघों ने नेशनल पार्क से बाहर अपनी टेरेटरी बनाने और यहां शिकार करने की गरज से इन क्षेत्रों में डेरा डाला हुआ लगता है।

मनुष्य और मवेशियों पर लगातार बाघों के हमले और 4 इंसानी मौत के बाद वन विभाग सक्रिय हुआ है और फॉरेस्ट रेंजर के नेतृत्व में 24 – 24 कर्मचारियों की कई टीमें प्रभावित इलाकों और जंगल के आसपास तैनात की गई है जो ड्रोन कैमरों से लैस है और उनसे निगरानी कर रही है इसके अलावा जगह जगह सीसीटीवी कैमरे फिट किए गए है साथ ही संभावित क्षेत्रों में नाइट वॉच कैमरे और पिंजरे भी लगाए गए हैं। बन विभाग की टीमें एसडीओ लेबल के अधिकारियों के साथ क्षेत्र में कांबिंग के साथ सर्च ऑपरेशन भी चला रही है साथ ही वनकर्मी आम लोगों को सावधान रहने की हिदायत भी दे रहे हैं।

Tags : TigerWolf
Alkendra Sahay

The author Alkendra Sahay

A Senior Reporter

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