नई दिल्ली/ नेता प्रतिपक्ष एवं कांग्रेस नेता राहुल गांधी आज संभल जाने के लिए रवाना हुए उनके साथ प्रियंका गांधी वाड्रा सहित 5 सांसद और अन्य नेता भी मौजूद थे। लेकिन जब वह दिल्ली और यूपी के गाजीपुर बॉर्डर पहुंचे तो पुलिस और प्रशासन ने उन्हें रोक लिया और आगे नहीं बढ़ने दिया। पुलिस अधिकारियों का कहना था संभल में किसी बाहरी व्यक्ति या नेता के जाने पर 10 दिसंबर तक प्रतिबंध लग हुआ है इसलिए उन्हें जाने से रोका गया है। लेकिन राहुल गांधी ने कहा कि नेता विपक्ष होने के नाते संभल जाना हमारा संवैधानिक अधिकार है वहां जाकर है हम पीड़ितों को ढांढस बंधाने के साथ उन्हें न्याय दिलाने और शांति की अपील करना चाहते है। राहुल ने कहा मैंने पुलिस से उनके साथ अकेले संभल जाने को भी कहा लेकिन उन्होंने हमारी मांग नहीं मानी इससे तो साफ लगता है सरकार अपनी नाकामी छुपाना चाहती हैं।
कांग्रेस नेता राहुल गांधी के साथ कांग्रेस के 5 सांसद और स्थानीय नेता भी साथ थे जब उनका काफिला गाजीपुर बॉर्डर पहुंचा लेकिन वहां पहले से ही पुलिस ने पूरे क्षेत्र को पुलिस छावनी में तब्दील कर रखा था और मुहाने पर बेरीगेटिंग कर रखी थी जब कांग्रेस नेता आगे बड़े तो पुलिस प्रशासन ने उन्हें रोक दिया और आगे नहीं बढ़ने दिया। जिससे कुछ विवाद की स्थिति निर्मित होती दिखी लेकिन खुद राहुल गांधी ने पुलिस अधिकारियों से बात की लेकिन वह नहीं माने कोई टकराव की नौबत आती उससे पहले ही राहुल गांधी के कहने के बाद उनके साथ गए नेता और सांसद दिल्ली लौट गए।
इस मौके पर प्रियंका गांधी के कहा कि हम लोग शांति पूर्ण ढंग से संभल जाना चाहते है लेकिन यूपी के प्रशासन ने हमें रोक दिया एक तरफ यूपी सरकार सबकुछ ठीक और शांति की बात करती है दूसरी तरफ हमें बहा जाने से रोका जा रहा है जबकि राहुल गांधी नेता प्रतिपक्ष है उनका वहां जाना संवैधानिक अधिकार है वहीं उन्होंने पुलिस प्रशासन से उनके साथ अकेले संभल जाने को भी कहा उसके बावजूद वह तैयार नहीं हुए। प्रियंका ने कहा सरकार यूपी में ला एंड ऑर्डर की स्थिति ठीक होने की बात करती है तो फिर क्यों नहीं जाने दिया इसका मतलब तो यही होता है कि संभल और यूपी में कानून व्यवस्था ठीक नहीं है।