मुंगेली / छत्तीसगढ़ के मुंगेली के सरगांव स्थित आयरन फैक्ट्री में हुए हादसे में अभी तक 4 शव बरामद हो चुके है लेकिन बाद में निकले 3 शवों के परिजनों ने अन्य ग्रामीणों के साथ जोरदार हंगामा किया और शव लेने से इंकार करते हुए 50 लाख मुआवजा और एक व्यक्ति को नौकरी देने की मांग प्रशासन और फैक्ट्री संचालक के सामने रखी है।
मुंगेली के सरगांव स्थित कुसुम आयरन प्लांट में गुरुवार सुबह एक बड़ा हादसा हुआ था निर्माणाधीन फैक्ट्री की आदमकद भारी चिमनी के अचानक नीचे आ गिरने से उसके मलबे के नीचे काम कर रहे करीब आधा दर्जन से अधिक मजदूर दब गए थे। खबर मिलने पर प्रशासन और पुलिस अधिकारी पहुंचे । इस फैक्ट्री लोहे के पाईप बनाने के लिए स्थापित की जा रही थी जब आदमकद चिमनी का स्टोलेशन किया जा रहा था उसी दौरान अचानक वह नीचे आ गिरी जिससे उसके नीचे काम कर रहे मजदूर दब गए।
सूचना मिलने पर पुलिस एवं प्रशासन के अधिकारी मौके पर पहुंचे और मलबे के नीचे से मजदूरों को निकालने के लिए रेस्क्यू ऑपरेशन शुरू किया गया लेकिन संसाधन के अभाव में शुरूआत में रेस्क्यू धीमी गति से शुरू हुआ। जिससे अन्य मजदूरों और परिजनों में गुस्सा देखा गया था इस बीच आसपास से ग्रामीण भारी तादाद में फैक्ट्री के करीब इकट्ठा हो गए इस बीच एक मजदूर को रेस्क्यू टीम ने बाहर निकाला गया जिसकी हालत गंभीर थी जिसे पुलिस ने एंबुलेंस से अस्पताल भेजा। बाद में प्रशासन ने जेसीबी मशीनें और एनडीआरएफ की टीम को मौके पर बुलाया उसके बाद रेस्क्यू में तेजी आई।
रेस्क्यू ऑपरेशन लगातार चलता रहा पहले एक मजदूर को बाहर निकाला गया लेकिन उसकी मौत हो चुकी थी उसके बाद तीन और मजदूरों के शवों को मलबे से निकाला गया इस बीच रेक्यू टीम ने साइलो और डस्ट कंटेनर को हटाया। फिलहाल मलबा हटाने के साथ रेस्क्यू ऑपरेशन जारी है।
पुलिस और प्रशासन ने शवों को पोस्टमार्टम के लिए रवाना किया लेकिन जो बाद में तीन शव मिले उन मजदूरों के घरवालों ने शव लेने से इंकार कर दिया है इस बीच स्थानीय ग्रामीण और अन्य मजदूरों के साथ परिजन फैक्ट्री के बाहर हंगामा करने लगे परिजनों की मांग है कि जिन मजदूरों की मौत हुई है उनके घर में वही कमाने वाले एक शख्स थे अब उनके ना रहने से परिवार का पालन पोषण कौन करेगा? उनके छोटे छोटे बच्चे है और बूढ़े माता पिता है परिजनों की मांग है कि मृतक परिवार को 50 लाख की मुआवजा राशि और एक व्यक्ति को नौकरी दी जाए तभी वह शवों को लेंगे और उनका अंतिम संस्कार करेंगे साथ ही उनका कहना है फैक्ट्री संचालक भी खुद उनसे बात करे। इस बीच प्रशासन के अधिकारी उन्हें समझाइश देते नजर आए लेकिन परिजन और ग्रामीण अपनी मांग पर अड़े हैं।