ग्वालियर– ग्वालियर बच्चों पर पढ़ाई का बोझ किस कदर हावी होता जा रहा है कि बच्चे अपना बचपन खोते जा रहे हैं और उनमें तनाव बढ़ रहा है। ऐसा ही एक मामला ग्वालियर में सामने आया है जहां सातवीं में पढ़ने वाली एक स्कूली छात्रा ने मात्र इस आशंका से फांसी लगा ली क्योंकि उसे डर था कि वह चार विषयों में फैल हो जाएगी। इस बात का खुलासा स्कूली छात्र संस्कृति मिश्रा के सुसाइड नोट में हुआ है। साड़ी कारोबारी विवेक मिश्रा की 12 साल की बेटी संस्कृति कक्षा 7 की छात्रा थी।
गाढ़वे की गोठ में रहने वाली संस्कृति की मां नीतू की तबीयत खराब थी वह दवा लेने जनकगंज गई थी। जब संस्कृति घर में अकेली थी तभी उसने परीक्षा में फैल होने के डर से फांसी लगा ली उसके चार पेपर खराब गए थे कक्षा में फैल हो जाने और घर वालों की डांट के डर से संस्कृति ने यह आत्मघाती कदम उठाया। घर पर संस्कृति अकेली थी। मां उसे टीवी देखता छोड़ गई थी। इसी बीच अचानक क्या हुआ कि टीवी देख रही मासूम ने एक सुसाइड नोट लिखा और दुपट्टे से फांसी लगा ली। दुपट्टा पुराना था, इसलिए छात्रा के लटकते ही वह फट गया। छात्रा पलंग पर आकर गिरी। 10 बजे जब विवेक, पत्नी को लेते हुए लौटे तो बेटी पलंग पर पड़ी थी। एक समय के लिए लगा कि वह सो रही है, लेकिन गले में दुपट्टा देखा तो उसे अस्पताल लेकर दौड़े, जहां डॉक्टर ने उसे मृत घोषित कर दिया। पुलिस को घर से जो सुसाइड नोट मिला है, उसमें 10 में से 5 लाइन में उसने अपने पूरे परिवार से सॉरी बोला है।
सुसाइड नोट में सबसे ज्यादा बात उसने अपने भाई संकल्प से की है। वह अभी 10वीं का छात्र है। संस्कृति ने परीक्षा में फेल होने के अलावा भाई को कहा कि वह मां-पापा का ख्याल रखे। मां को लिखा है कि आपकी प्यारी बिटिया हमेशा के लिए छोड़कर जा रही है। पापा आपकी भी प्यारी बिटिया अब नहीं मिलेगी। सॉरी पापा, मां व भाई। आखिर में कहती है कि भाई आप मेरे बाद गुनगुन से राखी बंधवा लेना। संस्कृति के इस कदम से उसकी मां बेसुध हो गई हैं। वह समझ ही नहीं पा रही कि घर में क्या हो रहा है। 6 दिन पहले तक जिस घर में शादी समारोह के गीत गाए जा रहे थे, वहां खामोशी पसरी हुई है। छात्रा के पिता घटना के बाद से खामोश हो गए हैं। घटना के बाद पूरे मौहल्ले में गम का माहोल हैं।