ग्वालियर- शहीदों के परिवारों को अनुकंपा नौकरी दिलाने के नाम पर गिरफ्तार किया गया ठग पिछले दस सालों से लोगों को ठग रहा था उसने अब तक कितने परिवारों को ठगा है ये उसे भी पता नहीं हैं पुलिस को उसके को उसके कब्जे से एक सूची मिली है जो संभवतः पीड़ितो की सूची है इसके कब्जे से पुलिस ले 20 शहीद परिवारों के नाम मिले है इसके अलावा सीआरपीएफ डीजी का लेटर हैड सेना की भाषा के दस्तावेज भी पुलिस ने बरामद किये हैं।
गौरतलब है कि भिण्ड के रहने वाले विश्ववीर सिहं भदौरिया को ग्वालियर पुलिस ने तीन दिन पहले इंदौर से गिरफ्तार किया था। उसने ग्वालियर के प्रीतम विहार में रहने वाली महिला उषा सिहं को 50 हजार रूपयों से ठगा था। उषा के पति मोहन सिहं भारत- बांग्लादेश सीमा पर शहीद हो गये थे। ठग अखबारों में शहीदों की खबर छपने के बाद फोर्स का कर्मचारी बनकर उनसे संपर्क करता फिर उनके बच्चों को अनुकंपा नौकरी दिलाने की जिम्मेदारी लेकर रकम लेकर गायब हो जाता। इसका नेटवर्क मध्यप्रदेश में ही नहीं बल्कि हरियाणा सहित अन्य कुछ राज्यों में फैला था।
एसपी डॉ. आशीष ने बताया वर्ष 2015 में त्रिपुरा में भारत-बांग्लादेश के बॉर्डर पर देश की रक्षा करते हुए शहीद हुए 86 बटालियन में पदस्थ शहीद मोहन सिंह तोमर की पत्नी ऊषा तोमर से ठग विश्ववीर सिंह भदौरिया निवासी साकेत नगर (भिंड) ने 50 हजार ठगे थे। मोहन के शहीद होने की खबर अखबार में पढने के बाद विश्ववीर ने ऊषा से संपर्क किया। उन्हें भरोसा दिलाया उनके बेटे की अनुकंपा नियुक्ति का सौदा दो लाख में तय हुआ। 50 हजार एडवांस ले लिए। विश्वास में लेने के लिए ठग ने उन्हें डायरेक्टर बीएसएफ के लेटर हेड का फर्जी नियुक्ति पत्र भेजा। इसके बाद उसका फोन बंद हो गया। ऊषा को शक हुआ तो उन्होंने एसपी को पूरा मामला बताया। एसपी ने ठग को पकडने का जिम्मा क्राइम ब्रांच को दिया।
एसपी का कहना है रविवार को खबर मिली विश्ववीर बस स्टैंड पर खड़ा है। वह इंदौर भागने की फिराक में है। क्राइम ब्रांच की टीम मौके पर पहुंची और विश्ववीर ग्राम चैमो (भिंड) हाल निवासी साकेत नगर को दबोच लिया। विश्ववीर सागर, रीवा, सतना सहित कई जिलों में ठगी कर चुका है, लेकिन खुलासे दो हुए हैं, जिसमें हरियाणा में सीआरपीएफ के शहीद के बेटे को अनुकंपा नियुक्ति के नाम पर उससे 2.25 लाख ठगे। इसके अलावा अजमेर में भी ठगी कर चुका है।