दतिया/ दतिया जिले के तिगरू गांव में एक कच्चे मकान में लगी आग ने एक पूरे परिवार को लील लिया पति पत्नि सहित उनकी 9 साल की बेटी तीनों की आग में बुरी तरह से झुलस जाने से जान चली गई। बुद्धवार को तीनों का अंतिम संस्कार किया गया इस दौरान उनके बड़े बेटे का रो रोकर बुरा हाल हुआ और इस घटना से गांव में मातम पसरा रहा और किसी भी घर में चूल्हे नही जले।
दतिया के तिगरू गांव में रहने वाले गरीब किसान वीरू करण के घर में हाई टेंशन लाइन के शॉर्ट सर्किट के बाद आग लग गई घर कच्चा था और घास फूस के छप्पर का था आग लगने के बाद उसे उस समय पानी से बुझा दिया गया लेकिन कुछ समय बाद दोपहर में तेज हवाओं के कारण छप्पर में आग फिर से सुलग उठी और उसने भयावह रूप ले लिया जबतक परिवार घर से बाहर निकलता जलता हुआ पूरा छप्पर नीचे आ गिरा जिसमें वीरू करण (37 साल) उसकी पत्नि सरस्वती (34 साल) और उसकी 9 साल की बेटी निधि छप्पर के नीचे दब गई जब आसपास के गांववालो ने देखा तो उन्होंने टिल्लू पंप और अन्य साधनों से आग बुझाने का प्रयास शुरू किया इस बीच कुछ युवकों ने हिम्मत दिखाकर बीरू उसकी पत्नि बेटे और बेटी को आग के बीच से बाहर निकाला इस प्रयास में वह कुछ ग्रामीण झुलस भी गए लेकिन वीरू करण की बुरी तरह से जल जाने से घटना स्थल पर ही मौत हो गई जबकि उसकी पत्नि सरस्वती और बेटी निधि की सांसे चल रही थी और बेटा राम भी झुलस गया था उन्हें गंभीर स्थिति में जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया लेकिन देर रात वह दोनों भी चल बसी। जबकि राम खतरे से बाहर बताया जा रहा है।
बुद्धवार को तीनों का अंतिम संस्कार किया गया जब अर्थिया सजाई जा रही थी तो मृतक वीरू के बड़े बेटे राम का रो रोकर बुरा हाल था जिससे सभी ग्रामीणों की आंखे भी नम हो गई इस दौरान पूरे गांव में मातम पसरा रहा और किसी के भी घर के चूल्हे नही जले।
स्थानीय ग्रामीण राम प्रताप यादव ने बताया कि आग बड़ी तेजी से लगी और पूरे घर में फेल गई जिससे प्रयास के वाबजूद उन्हें बचाया नहीं जा सका उसने बताया वीरू अपने बच्चों के लिए जलेबी लाया था जो लगता है उनका अंतिम ग्रास बन गई।
घटना की खबर मिलने पर प्रशासन और अधिकारियों की टीम तिगरू गांव आई और उन्होंने घटना स्थल का निरीक्षण आग लगने के कारणों की खोजबीन की। अधिकारियों ने मृतको के परिजनों को 4 -4 लाख की राशि से 12 लाख की आर्थिक सहायता और क्षतिग्रस्त घर को बनाने के लिए अलग से एक लाख की मदद की घोषणा की है।