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मुरैना में घर में भीषण विस्फोट धराशाई मकान में मां बेटी मलबे में दबी, 20 घंटे बाद मिले शव, घटना सिलेंडर फटने से या बारूद से संशय बरकरार, आसपास के मकान भी दरके

Illega crackers factory blast
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मुरैना / मध्यप्रदेश के मुरैना में एक घर में भीषण विस्फोट हुआ जिसमें वह मकान पूरी तरह से धराशाई हो गया बल्कि उसके आसपास के 3 से 4 घर की नींव भी हिल गई और मकानों में जगह जगह दरारें पड़ गई। यह भीषण विस्फोट जिस घर में हुआ उसके मलबे में मां बेटी दब गई NDRF की टीम को 20 घंटे बाद रविवार सुबह मां बेटी के शव मलबे से खोज पाई । यह विस्फोट कैसे और किसमें में हुआ यह सवाल उठ रहा है पुलिस के मुताबिक सिलेंडर फटा, जबकि मोहल्ला वासियों का कहना है क्षतिग्रस्त मकान में फटाके बनाए जाते थे उसमें विस्फोट हुआ है? जबकि इस मकान में रहने वाले जमील ने स्वीकारा कि वह दीवाली पर पटाखें बनाता था और एक कमरे में बारूद और पटाखें भी रखें थे।

मुरैना शहर के इस्लामपुर इलाके में शनिवार को एक घर में हुए तेज धमाके के बाद पूरा इलाका दहल गया यह मकान धराशाई होने के साथ उसकी छत उड़ गई साथ ही आसपास के करीब आधा दर्जन मकानों में दरारें आ गई,मकान के गिट्टी पत्थर 300 मीटर दूर तक गिरे। इस मकान में जमील परिवार के साथ रहता था जो पिज्जा बेचने के अलावा टेंट का काम भी करता था एक कमरे में टेंट का समान और काफी संख्या में गैस सिलेंडर भी रखे थे घटना के बाद पुलिस और SDERF की टीम मौके पर पहुंच गई और राहत एवं बचाव कार्य शुरू किया गया। बताया जाता है परिवार के अन्य सदस्यों के साथ जमील की पत्नी और बेटी दो बच्चे घर में थे ऐसी आशंका जताई जा रही थी रेसक्यू ऑपरेशन लगातार चलाया जा रहा है लेकिन अभी तक जिन मां बेटियों की मलबे ने दबे होने की संभावना जताई जा रही है उनके पास तक रेस्क्यू टीम नहीं पहुंच सकी, जबकि जमील के दोनों बेटे जो स्कूल गए थे शनिवार शाम लौटे तो लोगों की जान में जान आई लेकिन रेस्क्यू ऑपरेशन देर रात तक जारी रहा।

मुरैना शहर के इस्लामपुर इलाके में हुए धमाके के बाद पूरा इलाका दहल गया यह जिस मकान में विस्फोट हुआ वह गजराज सिंह राठौर का है जिसने जमील को यह मकान 3 साल पहले किराए पर दिया था जमील टेंट का काम करता है मकान के एक कमरे में टेंट का समान और काफी संख्या में गैस सिलेंडर भी रखे थे। जमील के साथ उसकी पत्नी अंजु बेगम (35 साल) बेटी शायना (17 साल) और दो छोटे बेटे अरबाज और आर्य रहते थे। पहले चार लोगों के मलबे में दबे होने की आशा व्यक्त की जा रही थी लेकिन अरबाज और आर्य स्कूल से लौटे तब पता चला वह सकुशल है लेकिन अंजू बेगम और शायरा का फिलहाल कोई पता नहीं चला है चूंकि यह दोनों को जिंदा है या मुर्दा फिलहाल पुलिस और रेस्क्यू टीम उनकी खोज खबर में लगी हुई है।

दूसरे दिन रविवार सुबह तड़के एसडीईआरएफ की टीम जब दो जेबीसी मशीन की मदद से रेस्क्यू ऑपरेशन चला रही थी तभी मलबे से झांकता एक पैर दिखाई दिया वहां खोज करने पर नीचे मां बेटी दोनों के शव बरामद हुए है।

जबकि पुलिस ने हिरासत में लेकर जब जमील से पूछताछ की तो उसने बताया एक कमरे ने टेंट का सामान और दो गैस सिलेंडर रखे थे जिसमे एक पूरा भरा था जबकि दूसरा आधा भरा था। उसने बताया कि उसके एक रिश्तेदार पर फटके बनाने का लायसेंस है वह भी दीवाली पर फटके बनाता था उसके वहां दो पेटी फ़टाके रखे थे और कुछ पिछले साल के बचे फ़टाके भी उस कमरे में रखें थे।

पुलिस अधीक्षक समीर सौरभ ने शनिवार को प्रेस नोट जारी कर कहा गया कि यह विस्फोट सिलेंडर फटने से हुआ है किसी प्रकार का बारूद या और फ़टाके के कारण विस्फोट नहीं हुआ,कोई गंध भी नहीं आ, जबकि पास पड़ोस के लोगों का कहना है कि यहां पर पटाखे बनाने का काम किया जाता था जिसके बाद यह इतना बड़ा विस्फोट हुआ है। लेकिन जमील के पुलिस जो दिए बयान से साफ हो जाता है कि घर में फटाके और फ़टाके बनाने का बारूद रखा था और यह उसी कमरे में रखें हो सकते है जिसमें गैस सिलेंडर रखें थे इस तरफ बारूद और सिलेंडर दोनों के विस्फोट के कारण इतनी बड़ी घटना संभव हुई।

Alkendra Sahay

The author Alkendra Sahay

A Senior Reporter

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