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स्पेशल श्रमिक ट्रेनों में एक युवती सहित 9 की मौत
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मुजफ्फरनगर रेल्वे स्टेशन पर मासूम के मृत मां को उठाने का मार्मिक दृश्य
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बीमारी से हुई मौत कहा रेल्वे प्रशासन
मुजफ्फरनगर,बनारस– प्रवासी श्रमिक स्पेशल ट्रेनों में करीब 9 लोगों की मौत की खबर हैं लेकिन सबसे ह्रदयविदारक दृश्य मुजफ्फरनगर प्लेटफार्म पर देखा गया जहां एक छोटा मासूम बच्चा अपनी मृत मां को बार बार चाँदर खींचकर जगाता नजर आ रहा हैं।
इस मामले में परिजनों का कहना कि भूख और गर्मी से महिला की तबियत बिगड़ गई जबकि रेल्वे का दांवा हैं यह सभी पहले से ही बीमार थे यह बजह उनकी मौत का कारण बनी।
बिहार के मुफ़्फ़रनगर के रेल्वे प्लेटफार्म पर एक तस्वीर काफी मार्मिक और दिल को झकझोर कर रखने वाली देखी गई एक मासूम बार बार प्लेटफार्म पर लेटी एक महिला के पास आता और उसके ऊपर पड़ी चॉदर को खींचकर उस युवती को जगा रहा हैं ।
बच्चा प्लेटफॉर्म पर इधर उधर जाता हैं फिर अपनी माँ के पास आता हैं उसे उठाने की कोशिश में चॉदर खींचता हैं काफी दिल दहलाने वाला दृश्य दिखाई देता हैं बताया जाता है यह महिला है उरेश खातून जो बिहार की रहने वाली हैं यह अपने पति मकसूद आलम और बच्चों के साथ मुंबई से स्पेशल श्रमिक ट्रेन में बैठकर आई थी ।
पति के मुताबिक इसकीं बीच में तबियत बिगड़ गई और मुजफ्फरनगर आने से पहले ही इसकीं मौत हो गई अब यह मौत बेहाल गर्मी और भूख हुई यह सबाल उठता हैं।
जबकि अहमदाबाद से मधुवनी बिहार आने वाली श्रमिक ट्रेन में एक 70 वर्षीय बुजुर्ग की मौत की खबर हैं यह दानापुर बिहार के रहने वाले थे बताया जाता हैं इनकी पिछले दिनों हार्ट सर्जरी हुई थी। इधर झांसी गोरखपुर ट्रेन में दो मजदूरों की मौत हो गई जिसमें एक का नाम अवधसिंह बताया जाता हैं।
एक घटना में सूरत से आ रहे 58 साल के भूषण सिंह की मौत की जानकारी मिली हैं जो सूरत हाजीपुर ट्रेन से अपने घर बिहार आ रहे थे । जबकि मुम्बई से बनारस आ रहे दो श्रमिकों की ट्रेन में मौत हो गई जिंनके शव मंडुवाडीह रेल्वे स्टेशन पर श्रमिक स्पेशल ट्रेन से उतारे गये जिसमें जोनपुर निवासी 30 वर्षीय एक दिव्यांग भी था जबकि दूसरे मृतक के परिजन पन्नालाल प्रजापति ने बताया कि मृतक 3-4 साल से बीमार था।
इधर रेल्वे प्रशासन का कहना हैं कि इन सभी की पहले से ही तबियत खराब थी, लेकिन कुछ के बीमार होने की बात सही हों सकती हैं लेकिन मरने वाले सभी बीमार थे यह बात गले नही उतरती हैं जबकि इन मौतों के अन्य कारण होने से भी इंकार नही किया जा सकता।
जिसमें एकाएक बढ़ती गर्मी रेल बोगी में लगे अधिकांश पंखों का कम गति से चलना और कुछ का खराब होने की भी शिकायत सामने आ चुकी हैं इसमें खाने पीने की कमी भी बड़ा कारण हो सकता हैं।
लेकिन बड़ी बात यह भी है रेल्वे विभाग ने इन स्पेशल श्रमिक ट्रेनों में स्वास्थ्य सेवाएं और डॉक्टरो की टीम और पीने के पानी का इंतजाम क्यों नही किया यह भी अहम मुद्दा हैं।
लम्बी दूरी की इन श्रमिक रेलगाडियों के निर्धारित दो या तीन स्टापेज ही रेल्वे ने रखे थे। इस मामले में रेल्वे मंत्रालय और रेल प्रशासन की लापरवाही जरूर सामने आती हैं।