श्योपुर/ पालपुर कूनो नेशनल पार्क में बसाएं गए चीतों की मौत का सिलसिला रुकने का नाम नहीं ले रहा तीन चार दिन पहले ही एक चीते की मौत हुई थी अब शुक्रवार को एक और चीते सूरज की मौत हो गई। फिलहाल उसकी मौत का सही कारण सामने नही आया है लेकिन करोड़ों की राशि खर्च होने के बाद भी अभ्यारण प्रशासन और विशेषज्ञ इन चीतों को सुरक्षित रखने में पूरी तरह से नाकामयाब रहे हैं क्योंकि अभी तक तीन शासकों सहित 8 चीतों की मौत हो चुकी है।
कूनो राष्ट्रीय पार्क में पहली बार खुले जंगल में छोड़े गए नर चीते सूरज की मौत हो गई पालपुर के जंगल की मसावनी फॉरेस्ट बीट में यह मृत हालत में मिला है उसकी गर्दन और पीठ पर चोट के निशान मिले है इससे पहले जिन चार चीतों की मौत हुई वे सभी बाड़े में रह रहे थे, कूनो प्रशासन ने बताया कि शुक्रवार की सुबह तड़के जब निगरानी दल सर्चिंग कर रहा था तो यह चीता सुस्त अवस्था में दिखा और उसके गले पर मक्खियां भिनभिना रही थी पास जाने पर यह तेजी से जंगल में समा गया। कूनो प्रशासन ने बताया घायल होने की खबर मिलने पर फॉरेस्ट के साथ डॉक्टरों की टीम ने चीते को जंगल में खोजने के प्रयास किए और जीपीएस लोकेशन से ट्रेस कर जब उसके नजदीक पहुंचे तो वह मृत हालत में मिला।
इधर पीसीसीएफ वन्यजीव जेएस चौहान का कहना है जख्म के निशान होना शिकार के दौरान दूसरे जानवर से आपसी संघर्ष या हिंसक झड़प भी हो सकता है। लेकिन इसकी सच्चाई पोस्टमार्टम रिपोर्ट के आने पर ही सामने आयेगी।
दक्षिण अफ्रीका से 12 और नामीबिया से 8 चीते लाए गए थे जबकि एक मादा मां बनी उसने 4 शावकों को जन्म दिया, लेकिन इस सूरज नामक चीते को मिलाकर अभी तक 5 वयस्क चीतों और 3 नवजात शावकों सहित 8 चीतों की मौत हो चुकी हैं। जिसमें दक्षिण अफ्रीका के 3 नर और एक मादा और नामीबिया से आई एक मादा चीता शामिल है। इधर चीता स्टेयरिंग कमेटी के चेयरमैन डॉक्टर राजेश गोपाल का कहना है कि नामीबिया से आए चीतों ने अपने नए आवास को पूरी तरह एडॉप्ट कर लिया है जबकि दक्षिण अफ्रीका से आए चीते अभी इस प्रक्रिया से गुजर रहे हैं करीब डेढ़ से दो साल के बाद ही यह चीते पूरी तरह यहां के माहोल के अनुसार ढल जाएंगे।
लेकिन स्थानीय सूत्रों से जो जानकारी भी मिली है वह चोकाने वाली है आज कूनो प्रशासन मरने वाला चीता सूरज को दौड़ लगाकर जंगल में जाने की बात कह रहा है लेकिन चर्चा यह भी है कि पिछले दिनों भैंसो से भिड़ंत के बाद यह चीता घायल हो गया था उस समय इनपर नजर रखने वाली टीम ने भैंसो को भगा दिया था लेकिन सूरज के इलाज और कोई ध्यान नहीं दिया पिछले तीन चार दिन से इसकी लोकेशन एक ही जगह मिली तब इसकी खोजबीन की तो यह मृत हालत में मिला। लेकिन इस पर कूनो प्रशासन का कोई अधिकारी कुछ कहने से कन्नी काट रहे है।
केंद्रीय मंत्री भूपेंद्र यादव ने कूनो अभ्यारण में चीतों की मौत पर कहा इंटानेशनल विशेषज्ञ जांच करेंगे कि मौत क्यों हो रही है जबकि उन्होंने कहा चीतों को माहौल में ढलने में समय तो लगेगा आप एक साल दे वही उन्होंने यह भी कहा श्योपुर की कूनो सेंचुरी से चीते कही शिफ्ट नहीं किए जाएंगे।