उमरिया/ बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व के जंगल में एक 13 हाथियों के झुंड के में 10 हाथी जगह जगह बेहोशी के हालत में मिले जिसमें से 7 हाथियों की संदिग्ध परिस्थितियों में मौत हो गई जबकि 3 हाथियों की स्थिति गंभीर है जिनका इलाज किया जा रहा है जबकि जहरखुरानी से इनकी मौत की आशंका जताई जा रही है। जांच के लिए दिल्ली से नेशनल टाइगर कंजरवेशन अथॉरिटी (NTCF) की टीम पहुंच गई है।
बांधवगढ़ के टाईगर रिजर्व में 60 हाथी है जो अलग अलग झुंड में जंगल में विचरण करते है इन्हीं में से एक 13 हाथियों का भी झुंड भी है। मंगलवार को 4 बजे खितौली रेंज के सलरवनिया के जंगल में कुछ हाथियों के नीचे पड़े होने की जानकारी मिली थी रिजर्व की टीम खबर मिलने पर तुरंत घटना स्थल पहुंची और उसने देखा कि 13 हाथियों के झुंड के 10 हाथियों की तबियत बिगड़ी हुई है और वह बेहोश पड़े है। इसके बाद अभ्यारण की डॉक्टरों का दल वहां बुलाया गया और उसने जांच के बाद 4 हाथियों के मौके पर मृत होने की पुष्टि की बाकी 6 हाथियों की सांस चल रही थी लेकिन उनकी हालत भी गंभीर थी। जिनका डॉक्टरों ने अभ्यारण के कर्मचारी और महावत की मदद से इलाज शुरू किया लेकिन बुद्धवार की सुबह इलाजरत 6 में से 3 और हाथियों की मौत हो गई। इस घटना के बाद भी विभाग का अमला अन्य बचे हुए हाथियों की सुरक्षा के मद्देनजर उनकी निगरानी कर रहा है।
इस घटना के बाद भोपाल से SCF की टीम उमरिया स्थित बांधवगढ़ टाईगर रिजर्व पहुंच गई थी साथ ही दिल्ली से NTCF का तीन सदस्यीय दल भी आ गया है जो इस पूरे मामले की जांच करेगा। बताया जाता है इन मरे हुए 7 हाथियों की 8 सदस्यीय डॉक्टरों का दल आज पोस्टमार्टम करेगा उसके बाद इन मृत हाथियों के शवों को जमीन में दफनाया जायेगा इसके लिए 2 जेबीसी और 300 बोरी नमक मंगा लिया गया हैं।
बांधवगढ़ टाईगर रिजर्व के डायरेक्टर प्रकाश वर्मा के मुताबिक रिजर्व में 60 हाथी है जो अलग आग झुंड बनाकर जंगल में घूमते रहते है मंगलवार दोपहर करीब 1 बजे गश्ती दल ने बताया था कि 10 हाथी जमीन पर पड़े है और उनमें कोई हलचल नहीं दिखाई दे रही उसके बाद अलग अलग रेंज के 5 रेंजरों को मौके पर भेजा गया उनकी रिपोर्ट के आधार पर बांधवगढ़ के अलावा कटनी से भी बेटनरी डॉक्टरों की टीम बुलाई गई। श्री वर्मा ने बताया सभी 10 हाथी 100 से 200 मीटर के दायरे में बेहोश पड़े थे डॉक्टरों का कहना है इन हाथियों को किसी ने जहरीला या नशीले पदार्थ का सेवन कराया हैं उन्होंने यह भी कहा इस जंगल के क्षेत्र में कोको कुटकी भी होती है आशंका है कि हाथियों ने ज्यादा मात्रा में या आधा पका कोको कुटकी खा लिया हो जिसके डिहाइड्रेशन की बजह से इनकी यह हालत हो गई।
डिप्टी डायरेक्टर ने बताया कि घटना स्थल डॉग़ स्क्वायड को भी बुलाया गया था इस घटना की जांच के लिए 5 टीमें बनाई गई है जो वन क्षेत्र के अलावा खेत तालाब के साथ ही हाथियों का मल की भी जांच करेंगी। साथ ही हाथियों के पग मार्ग के आधार पर यह देखा जायेगा कि कही हाथियों ने कोई पॉयजन वाला पदार्थ तो नहीं खाया।