भोपाल/ तीसरे चरण में 7 मई को मध्यप्रदेश की 9 लोकसभा सीटों पर चुनाव हुए। जिसका औसत प्रतिशत 66 फीसदी रहा जो पिछले 2019 से करीब करीब बराबर है । सबसे अधिक 75.39 प्रतिशत वोटिंग दिग्गज नेता दिग्विजय सिंह की राजगढ़ सीट पर हुआ जबकि सबसे कम 54.87 प्रतिशत मतदान भिंड सीट पर रहा। वही मुलताई लौट रही मतदान कर्मियो की एक बस में आग लगने से 4 ईवीएम छतिग्रस्त हो गई, जबकि मतदान दल के कर्मचारी बस के कांच फोड़कर बाहर निकले जिससे उनकी जान बच गई।
मध्यप्रदेश की इन 9 लोकसभा सीटों पर 127 प्रत्याशी चुनावी मैदान में थे जबकि सबसे अधिक 22 कैंडीडेट भोपाल में थे। इन सीटों पर हुए मतदान पर सिलसिलेवार नजर डालते है —
ग्वालियर – 61.68 प्रतिशत
भोपाल – 62.29 प्रतिशत
सागर – 65.17 प्रतिशत
राजगढ़ – 75.39 प्रतिशत
विदिशा – 74.05 प्रतिशत
गुना – 71.53 प्रतिशत
भिंड – 54.87 प्रतिशत
मुरैना – 58.22 प्रतिशत
बैतूल – 72.65 प्रतिशत
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इन 9 सीटों पर औसत मतदान 66.01 फीसदी रहा जबकि पिछले 2019 के चुनाव में यह 66.88 फीसदी रहा था इस तरह लगभग बराबर का मतदान हुआ।
छुटपुट घटनाओं को छोड़कर मध्यप्रदेश ने तीसरे चरण का चुनाव शान्ति से संपन्न हो गया। जबकि बैतूल के मुलताई विधानसभा क्षेत्र से वोटिंग के बाद मतदान दलों को लेकर लौट रही एक बस में अचानक आग लग गई बताया जाता है इंजिन में खराबी के बाद गियर बॉक्स में आग धधक उठी और पूरी बस को आगोश में लेती उससे पहले बस ड्राइवर ने बस को धीमा किया और सभी को जल्द बाहर निकलने को कहा लेकिन अगले हिस्से में आग फैलने के कारण मतदान कर्मी गेट की बस के शीशे तोड़कर किसी तरह बाहर कूदे साथ चूकि उनके पास ईवीएम मशीन सहित अन्य चुनाव सामग्री भी थी साहस का परिचय देते हुए उसे किसी तरह उन्होंने खिड़की के रास्ते ही बाहर निकाला पीठासीन अधिकारी मुन्नालाल ने यह जानकारी देते हुए बताया लेकिन 4 ईवीएम बुरी तरह झुलसने से जल गई। उन्होंने बताया एक दो कर्मचारी घायल भी हो गए है लेकिन किसी की जान जाने से बच गई।
बताया जाता है यह हादसा बीती रात 11 बजे साईखेड़ा थाना क्षेत्र के सोनोरा गोला गांव के पास हुआ। प्रशासन को खबर मिलने पर कलेक्टर और एसपी भी मौके पर पहुंचे इस बीच फायर ब्रिगेड की गाड़ियों के दमकल दस्ते ने आग पर काबू किया। बस में मुलताई विधानसभा की पोलिंग बूथ 275 रजापुर,276 डूडर, 277 गेंहूबारसा,1-278 गेंहूबारसा, 2-279 कुंडारैयत और 380 चिखली माल की पोलिंग पार्टियां सवार थी। जिला प्रशासन ने इसकी जानकारी चुनाव आयोग को दे दी है।