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म.प्र के जबलपुर में 500 नकली रेमडीसिविर इंजेक्शन मरीजों को लगाये, एक गिरफ्तार अस्पताल संचालन फरार, सूरत में बने थे यह नकली इंजेक्शन

Jabalpur Police
Jabalpur Police

जबलपुर – कोरोना महामारी के दौरान लोग अपनों को बचाने के लिये जहाँ सबकुछ दांव पर लगा रहे है वही लोग इस आपदा में अवसर देखकर काली कमाई के लिये लोगों के जीवन से खिलवाड़ करने से भी नही चूक रहे। मध्यप्रदेश के जबलपुर में ऐसा ही मामला सामने आया जहां एक अस्पताल संचालक ने भारी कीमत बसूल करके 500 नकली रेमडीसिविर इंजेक्शन कोरोना संक्रमित मरीजों को लगा दिये । जिससे कई कोरोना मरीजों की मौत होने की संभावना जताई जा रही है। अभी अन्य दो अस्पताल जहां भी यह नकली इंजेक्शन मरीजों को दिए गए होंगे उनका पता पुलिस लगा रही हैं। फिलहाल पुलिस ने एक व्यक्ति को गिरफ्तार किया है वही फरार अस्पताल संचालक सबरजीत सिंह मोखा की पुलिस तलाश कर रही हैं।

गुजरात के सूरत में बने करीब 500 रेमडीसिविर के नकली इंजेक्शन मध्यप्रदेश के शहर जबलपुर में खपाए गए है और जिसमें शहर के जाने-माने सिटी हॉस्पिटल के संचालक सरबजीत सिंह मोखा की संलिप्तता सामने आई है। विगत दिनों गुजरात पुलिस द्वारा नकली रेमडेसीवीर मामले में गिरफ्तार किए गए सपन जैन नाम के शख्स ने पूछताछ में सरबजीत सिंह मोखा का नाम कबूला था जिसके बाद पुलिस ने 48 घंटे के भीतर नकली इंजेक्शन की इस चैन का भंडाफोड़ किया है।

शहर के जाने-माने उद्योगपति और सिटी अस्पताल के संचालक सरबजीत सिंह मोखा ने 500 नकली इंजेक्शन इंदौर से सपन जैन के मार्फत मंगवाये थे जिन्हें अस्पताल में भर्ती मरीजों को महंगी कीमतों में लगवा दिया गया और उनकी जान से बड़ा खिलवाड़ किया गया। देर रात जबलपुर की ओमती थाना पुलिस ने इस मामले में एफआईआर पंजीबद्ध की है जिसमें धारा 274,275,308,420  IPC समेत  डिजास्टर मैनेजमेंट एक्ट और ड्रग्स एंड कॉस्मेटिक्स एक्ट  की विभिन्न धाराओं के तहत मुकदमा दर्ज किया गया है । लेकिन अस्पताल संचालन मोखा फिलहाल पुलिस की गिरफ्त से बाहर हैं। पुलिस उसकी खोजबीन में जुटी हैं।

पुलिस के अनुसार अस्पताल संचालक सरबजीत सिंह मोखा ने सपन जैन के साथ मिलकर बड़ी संख्या में यह नकली इंजेक्शन मरीजों को दिए हैं जो ना केवल उनकी जान से खिलवाड़ है बल्कि कई मरीजों को अपनी जान तक खोनी पड़ी है। पुलिस ने इस मामले में सिटी हॉस्पिटल में कार्यरत मैनेजर देवेश चौरसिया पर भी एफआईआर दर्ज की हैं।

गौरतलब है कि गुजरात के सूरत में नकली इंजेक्शन की एक फैक्ट्री पर पिछले दिनों पुलिस ने रेड मारी थी आरोपियों से पूछताछ में पुलिस को जानकारी मिली थी कि करीब एक लाख फर्जी रेमडेसिविर इंजेक्शन देशभर के अलग-अलग राज्यों में बेचे गए हैं। जिसमें कई हजार इंजेक्शन मध्यप्रदेश भी भेजे गये है इसी कड़ी में गुजरात पुलिस 7 मई को जबलपुर पहुंची थी जिसमें वह आधारताल निवासी दवा व्यवसाई सपन जैन को गिरफ्तार कर ले गई थी। इसके बाद जबलपुर पुलिस भी हरकत पर आई थी और लगातार दो दिनों से ताबड़तोड़ छापे मार कार्यवाही कर रही थी ।सपन जैन की तीन दवा दुकानों को पहले ही सील कर दिया गया था जबकि पूछताछ में दो बड़े अस्पतालों के नाम भी सामने आए थे जिसमें आज सिटी अस्पताल के संचालक का नाम उजागर हो गया है । पुलिस का दांवा है जल्द वह अन्य दो अस्पतालों का भी पता लगा लेगी जहाँ अन्य रेमडीसिविर इंजेक्शन खपाये गये है

पुलिस की प्राथमिक जांच में ही यह बात सामने आई है की 500 नकली रेमडेसिविर इंजेक्शन जबलपुर लाये गए थे जो ना जाने कितने मरीजों को लग चुके होंगे और नकली इंजेक्शन से कितने मरीजों की मौत हुई है यह जांच का विषय है देखना होगा कि इस मामले में पुलिस क्या नए खुलासे करती है फिलहाल मामले में सिटी अस्पताल के मैनेजर देवेश चौरसिया गिरफ्तार किए जा चुके हैं वहीं अस्पताल संचालक सरबजीत सिंह मोखा की तलाश में पुलिस टीम रवाना कर दी गई है।

Alkendra Sahay

The author Alkendra Sahay

A Senior Reporter

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