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ग्वालियरमध्य प्रदेश

पुलिस आरक्षक और उसके भाई को 5 -5 साल की सजा

  • पुलिस आरक्षक और उसके भाई को 5 -5 साल की सजा

  • आरक्षक भर्ती मामले में किया था षड्यंत्र 

ग्वालियर -जिला न्यायालय की सीबीआई कोर्ट ने पुलिस आरक्षक भर्ती परीक्षा मामले में सगे भाइयों को पांच-पांच साल के सश्रम कारावास की सजा से दंडित किया है, और उन पर 3700 रुपए का अर्थदंड भी लगाया गया है। खास बात है भाइयों में बड़ा पहले से ही पुलिस कांस्टेबल है।

सन 2012 में पुलिस आरक्षक भर्ती परीक्षा के लिए विज्ञापन निकला था पुलिस विभाग में पहले से ही आरक्षक के रूप में पदस्थ मुकेश कुशवाहा ने अपने छोटे भाई दिनेश कुशवाहा को पुलिस आरक्षक बनाने के लिए षडयंत्र किया।

दिनेश कुशवाहा के नाम से एक ही दिन एक ही परीक्षा में अंबाह और मुरैना से दोनों भाइयों ने परीक्षा दी। मुकेश कुशवाहा ने अंबाह के ऑटोनॉमस कॉलेज से 30 सितंबर 2012 को परीक्षा दी वहीं इसी दिन इसी समय मुरैना के जे एस पब्लिक स्कूल से छोटे भाई दिनेश ने परीक्षा दी।

जब कॉपियों की जांच पड़ताल चल रही थी तब एक ही नाम से एक ही माता-पिता एक ही जिले और एक ही पते से दिनेश कुशवाहा के नाम से परीक्षा देने पर एडीजी चयन का माथा ठनका उनके हस्तक्षेप से इन भाइयों का परीक्षा परिणाम रोका गया और मुरैना एसपी को गड़बड़ी की पड़ताल के लिए निर्देशित किया गया।

जांच पड़ताल में दोनों भाइयों के थंब इंप्रेशन फोटो मिसमैच और लाई डिटेक्टर टेस्ट भी सीबीआई के द्वारा कराए गए। मामले का खुलासा होने पर और थाने में दोनों भाइयों पर एफ आई आर दर्ज की गई ।बाद में सीबीआई ने इस मामले में विशेष कोर्ट में चालान पेश किया।

सीबीआई ने दोनों भाइयों के खिलाफ पर्याप्त सबूत पेश किए। इस पर विशेष कोर्ट ने दोनों भाइयों आरक्षक मुकेश कुशवाहा और दिनेश कुशवाहा को पांच-पांच साल की सजा सुनाई है दोनों को पुलिस ने गिरफ्तार कर जेल भेज दिया है।

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