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उत्तर प्रदेश में अपराधी बेखोफ कानपुर में अगवा युवक की हत्या के बाद 30 लाख फिरौती भी ली

  • उत्तर प्रदेश में अपराधी बेखोफ कानपुर में अगवा युवक की हत्या के बाद 30 लाख फिरौती भी ली

  • दोस्त ने रची थी साजिश एक महिला सहित 5 हिरासत में…पुलिस पर उठे सबाल

  • सियासत हुई तेज सीएम योगी ने एएसपी सहित 4 को किया सस्पेंड…

कानपुर– उत्तर प्रदेश में अपराधी और अपराध रुकने का नाम नही ले रहे हैं कानपुर में एक युवक का अपहरण करने के बाद बदमाशों ने 30 लाख की फिरौती ले ली लेकिन उससे पहले उन्होंने अपहृत की हत्या करदी।

खास बात है पुलिस की मोजूदगी में बदमाश फिरौती की रकम उड़ा ले गये और कानपुर पुलिस टापती रह गई इसको लेकर परिजनों ने पुलिस पर गंभीर आरोप लगाये है जिससे उत्तर प्रदेश पुलिस की भद्द पिट गई हैं।

जबकि इस वारदात की साजिश रचने वाला एक दोस्त ही था पुलिस ने मुख्य आरोपी और एक महिला सहित 5 लोगों को हिरासत में ले ले लिया हैं इधर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इस घटना को गंभीरता से लिया और एक एएसपी एक डीएसपी सहित चार पुलिस कर्मियों को सस्पेंड कर दिया है।

कानपुर में रहने वाले युवक संजीत यादव को 22 जून को अगवा किया गया था किडनैपर्स ने अपहरण के बाद संजीत को एक घर में कैद कर दिया था जहां चार दिन तक उसे बेहोशी के इंजेक्शन देते रहे लेकिन जब मौका पाकर संजीत ने इनके चंगुल से छूट कर भागने की कोशिश की तो अपहरणकर्ताओं ने उंसका गला घोंट कर उसकी 27 जून को ही हत्या करदी थी।

लेकिन इस के बाद 29 जून को संजीत के परिजनों के पास फिरौती के लिए फोन आया और 30 लाख की मांग अपहरणकर्ताओं ने मांग रखी इसके बाद लगातार परिजनों को फोन करके अपहृत को छोड़ने के नाम पर फिरौती की मांग बदमाश करते रहे।

संजीत के परिजनों ने इसकीं रिपोर्ट कानपुर शहर के थाने में की और 26 जून को अपहरण का मामला दर्ज किया गया था संजीत के परिजनों का कहना हैं पुलिस के कहने पर उन्होंने 30 लाख की रकम एक बैग में रखी और 15 जुलाई को बदमाशों के बताये स्थान जो एक पुल था वहां पहुंचे और किडनैपर के कहने पर रुपयों से भरा बैग पुल से नीचे फेक दिया था लेकिन पुलिस देखती रही और बदमाश फिरौती की रकम लेकर नो दो ग्यारह हो गये।

इस मामले में कानपुर एएसपी अपर्णा गुप्ता का कहना हैं पुलिस उस जगह से काफी ऊँचाई पर थी डेढ़ किलोमीटर का चक्कर लगाकर पुलिस जब नीचे पहुंची तो बदमाश फरार हो चुके थे।

जबकि कानपुर रेंज के आईजी मोहित अग्रवाल को मालूम ही नही है कि फिरौती दी गई उनसे मीडिया ने इस बारे में सबाल किया तो उन्होंने पहले बताया विवेचना के मुताबिक कोई पैसा नही दिया गया बाद में कहा कि जांच होगी।

जिससे साफ है कि पुलिस के अधिकारी इस बड़ी घटना को लेकर कितने गंभीर है और उनमें आपसी तालमेल की कितनी कमी हैं।

काफी हो हल्ला मचने के बाद कानपुर पुलिस ने बुद्धवार को संजीत के दोस्त ज्ञानेंद्र यादव जो इस वारदात का मास्टर माइंड था उसे और एक अन्य को गिरफ्तार किया और कड़ी पूछताछ में इस अपहरण और हत्या की साजिश से पर्दा उठा।

इनसे पूछताछ में इस घटना में 5 लोग सामने आये जिसमें ज्ञानेंद्र यादव कुलदीप गोस्वामी रामजी महिला प्रीति और एक अन्य शामिल पाये गये 26 जून की संजीत की हत्या के बाद कुलदीप उंसके शव को कार में ले गया और नदी में बहा आया था।

बताया जाता है इस अपहरण का मास्टरमाइंड ज्ञानेंद्र संजीत का खास दोस्त था उंसके मा बाप ज्ञानेंद्र को अपने बेटे जैसा मानते थे और उसी ने अपने दोस्त के अपहरण और हत्या की साजिश अपने अन्य साथियों के साथ रची।

अब जब पूरी घटना उजागर हुई और संजीत के माता पिता बहन और रिश्तेदारों को मालूम हुआ कि वे साजिश के शिकार हुए 30 लाख की बड़ी रकम भी गई और उनके बेटे की हत्या हो गई तो हड़कंप मच गया और पुलिस की कार्यविधि कटघरे में ही नही आई बल्कि संदिग्ध भी हो गई।

परिजनों का रो रोकर बुरा हाल है उन्होंने कानपुर पुलिस पर गंभीर आरोप लगाये हैं। बहन ने पुलिस से पूछा है उंसने उंसके भाई को खोजने के लिये क्या किया मेरे को उनको अंतिम बार देखने का मौका भी नही दिया।

इस अपहरण औऱ हत्या मामले में पुलिस की बड़ी लापरवाही उजागर हुई है पुलिस ने फिरौती के जो कॉल आये उनको सर्विलेंस पर लगाकर जांच करने की जरूरत ही नही समझी ना ही संजीत के मोबाइल की लास्ट लोकेशन और उसकी घटना से पहले किस किस से बातचीत हुई।

यह जानने की जहमत भी नही उठाई इससे साफ है जैसे कानपुर पुलिस फिरौती के लिये फोन का इंतजार करती रही और बताते है पुलिस संजीत को खोजने की बजाय उंसके परिजनों पर फिरौती देने का दबाब बनाती रही इस तरह उंसने अपराधियों को पकड़ने की बजाय 30 लाख की रकम भी उन्हें तोहफे में दे दी।
जिससे कानपुर पुलिस की भूमिका संदेह के घेरे में आ गई हैं।

पहले विकास दुबे के हाथों 8 पुलिस वालों की हत्या में अपराधी और कानपुर पुलिस का गठजोड़ उंसके बाद गाजियाबाद में पत्रकार विक्रम जोशी की उसकी बेटी और भांजी के सामने गोली मारकर निर्मम हत्या जबकि पत्रकार ने पुलिस से अपनी सुरक्षा की पहले मांग भी की थी।

अब कानपुर में अपहरण और हत्या का मामला यह उत्तर प्रदेश में अपराधियों के बेख़ौफ़ होने का उदाहरण हैं। इधर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इस मामले में एएसपी अपर्णा गुप्ता और एक डीएसपी ,एक इंस्पेक्टर सहित चौकी इंचार्ज को सस्पेंड कर दिया हैं।

इस घटना के बाद उत्तर प्रदेश में सियासत तेज हो गई है विपक्ष योगी सरकार पर हमलावर हैं समाजवादी पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष नरेश उत्तम आज कानपुर पीड़ित परिवार के घर पहुंचे और सांत्वना देते हुए उन्हें अखिलेश यादव की तरफ से आर्थिक मदद के रूप में 5 लाख का चेक सौपा और यूपी सरकार से पीड़ित परिवार को 50 लाख का मुआवजा देने की मांग की।

जबकि कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू जब पीड़ित परिवार से मिलने लखनऊ से कानपुर जाने की तैयारी में थे तो पुलिस ने उन्हें कांग्रेस कार्यालय पर ही रोक दिया उन्हें कानपुर नही जाने दिया।

जबकि कांग्रेस नेता प्रियंका गांधी ने ट्वीट कर यूपी के कानून और व्यवस्था पर सबाल उठाये हैं और बीएसपी प्रमुख मायावती ने उत्तर प्रदेश में जंगल राज का आरोप लगाते हुए योगी सरकार को घेरा हैं।

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