भोपाल/ भोपाल के परवलिया क्षेत्र में आंचल मिशनरी संस्था के हॉस्टल से निरीक्षण के दौरान 26 बच्चियां गायब मिली थी, यह बच्चियां मध्यप्रदेश सहित राजस्थान झारखंड और गुजरात की बताई जा रही है। पिछले तीन सालों से चल रहे इस हॉस्टल में बच्चों को बिना अनुमति के रखा गया था। जिसके चलते बाल अधिकार संरक्षण आयोग ने मुख्य सचिव को जानकारी देते हुए पुलिस में भी शिकायत दर्ज कराई है साथ ही लापरवाही बरतने पर परियोजना अधिकारी सहित तीन कर्मचारियों को सस्पेंड कर दिया है। जबकि पुलिस और प्रशासन के मुताबिक सभी 26 बच्चियां सुरक्षित मिल गई हैं।
बाल अधिकार संरक्षण आयोग के दल ने शुक्रवार को इस एनजीओ के संचालित हॉस्टल आंचल चिल्ड्रन होम का आकस्मिक निरीक्षण किया तो यह मामला सामने आया निरीक्षण के दौरान रजिस्टर में 68 बच्चों की एंट्री मिली लेकिन मौके पर केवल 41 बच्चियां और एक बच्चा ही मिला आयोग के अधिकारियों ने इस हॉस्टल के संचालक अनिल मैथ्यू से बाकी बच्चियों के बारे में जवाब तलब किया तो वह संतोषजनक जवाब नहीं दे पाएं।
आयोग के मुताबिक सरकारी प्रतिनिधि के रूप में कार्य करते हुए मैथ्यू ने सड़कों से रेस्क्यू कर जिन बच्चों को इस हॉस्टल में भर्ती किया उनकी नियमानुसार सरकार को कोई जानकारी नहीं दी जो एक बड़ी गलती पाई गई इस बारे में संबंधित शासकीय विभाग को भी दोषी माना गया।साथ ही इन्हें ईसाई धर्म के मुताबिक रखा जा रहा था। जानकारी के मुताबिक इस हॉस्टल में 6 साल से 18 साल तक की 40 बच्चियां अधिकांश हिंदू है जो मध्यप्रदेश के सीहोर छिंदवाड़ा रायसेन बालाघाट के अलावा गुजरात झारखंड और राजस्थान की बच्चियां रहती थी। इस संस्था को जर्मनी से फंड मिलता है।
राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग के अध्यक्ष प्रियंक कानूनगो ने इसके बाद मध्यप्रदेश की मुख्य सचिव वीरा राणा को पत्र लिखकर जानकारी दे दी है साथ ही आयोग ने एनजीओ से 7 दिवस में रिपोर्ट मांगी है। जबकि महिला बाल विकास विभाग और आयोग ने इसकी शिकायत भी परवलिया पुलिस थाने में की हैं।
भोपाल कलेक्टर कोशलेंद्र विक्रम सिंह ने शाम को मीडिया से बातचीत में बताया कि शिकायत के बाद हमने हॉस्टल के संचालक से बात की, इसके बाद प्रशासन और पुलिस ने इस मामले की जांच की तो पाया कि 10 बच्चियां अपने माता पिता के साथ घर पर है बाकी लड़कियों का भी हम पता लगा रहे है संभावना है उनका भी पता चल जायेगा और वह भी अपने घर पर ही है। जबकि भोपाल के एसपी रूलर का कहना है कि परवलिया थाने में शिकायत मिलने के तुरंत बाद पुलिस सक्रिय हो गई थी, और उसने जब दरियाफ्त की तो मालूम चला कि सभी लड़कियां अपने घर चली गई थी और ऐसा होता भी है। कई बार बच्चें मां बाप की याद आने या अन्य कारणों से अपने घर वापस चले जाते हैं और कुछ समय बाद फिर से लौट आते है फिलहाल जो बच्चियां गायब होने की शिकायत मिली वह गायब नही थी लेकिन प्रशासन और पुलिस किसी धर्म विशेष या धर्म परिवर्तन के विषय की जांच जरूर करेगी।