- शहीद की चिता की 24 घण्टें भी रक्षा नहीं कर सका प्रशासन,
- मामला सुर्खियां बनने पर प्रशासन ने रात में ही लगाई बाउंड्री
ग्वालियर- भले सरकारें शहीद के परिवार को आर्थिक सहायता से लेकर तमाम सुविधाएं मुहैया कराने का दम भरती हो बावजूद इसके प्रशासन उन सुविधाओं में मठा डालने काम कर रहा है। मामला ग्वालियर शहर से जुड़ा हुआ है, जहां एलओसी पर दो दिन पहले शहीद हुए राम अवतार की चिता की राख बिखरी हुई है। राख के आसपास कई जानवरों की भी तस्वीरें देखी गयी हैं।
जब परिवार के लोगों ने इस पर नारजगी जताई,तो आनन-फानन प्रशासन ने अतिंम संस्कार के स्थान को बल्लियों से सुरक्षित किया हैं। घटना ग्वालियर जिले के बरौआ गांव की है, जहां शहीद रामअवतार की चिंता की राख बिखरी हुई है। अस्थि संचय होना बाकी हैं। शहीद राम अवतार का सोमवार को राजकीय सम्मान के साथ अंतिम संस्कार किया गया था। लेकिन उसके बाद प्रशासन और पुलिस के लोगों ने न तो परिवार की सुध ली, न अंतिम संस्कार के स्थान को रिजर्व किया। नतीजा ये हुआ राम अवतार की अस्थि संचय होने से पहले आवारा जानवरों ने अस्थियों को बिखेर दिया। जिससे परिवार के लोगों ने राम अवतार की अस्थियां इकट्टा करने में बड़ी परेशानी हुई।
राम अवतार का भाई महेंद्र सिंह ने बताया कि अंतिम संस्कार के बाद से कोई नही आया, अंतिम संस्कार के स्थान पर जानवर घूम रहे थे। सारी व्यवस्थाएं प्रशासन की फैल रही। पशु घूमते नजर आएं। राम अवतार के परिजनों और गांव के लोगों ने जब इस मामले में अपनी नाराजगी जाहिर की तो प्रशासन और पुलिस में हंडकप मच गया। आनन-फानन में अंतिम संस्कार वाले स्थान पर लकड़ी की बल्लियां लगाकर स्थान को सुरक्षित किया। ऐसे में गांव के सरपंच ने प्रशासन के खिलाफ जमकर नारजगी जाहिर की। वहीं अब शहीद रामअवतार की अस्थियों का संचय करने तक प्रशासन की ड्यूटी वहां लगाई गयी है।
सरपंच वीरबल सिंह ने यहा बताया कि जलाने के बाद कोई नही आया रात को अंतिम संस्कार के स्थान पर मवेशी आयी प्रशासन को सुरक्षा करनी चाहिए थी, अस्थी का स्थान सुनसान था। जिसके कारण मवेशी घुम रहे थे, बस अंतिम संस्कार करके प्रशासन लौट गया।