वाशिंगटन, अमृतसर/ अमेरिका से डिपोर्ट होकर गुरुवार को 104 भारतीय देश आए थे लेकिन बिना वैध दस्तावेज के अभी भी 20 हजार भारतीय अप्रवासी अमेरिका में है जो चिह्नित किए जा चुके है और अमेरिका जल्द उन्हें भी डिपोर्ट करेगा। लेकिन भारत आए अप्रवासी भारतीयों को जिस हालात में हाथों में हथकड़ी और पैरो में जंजीर की बेड़ियां डालकर लाया गया इससे अमेरिका की क्रूरता सामने आती है इधर इंडिया सरकार का रुख फिलहाल स्पष्ट नहीं है उसने अभी तक इस बारे में कोई फैसला नहीं लिया न ही अमेरिका से इस बारे में कोई ठोस बातचीत ही की है चूंकि इस मामले में अमेरिका का कानून कड़ा है इससे लगता है भारत के पास भी कुछ कहने को नहीं है। लेकिन अब विदेश सचिव सामने आए है उन्होंने शुक्रवार को कहा कि आगे हम ख्याल रखेंगे की आगे भारतीयों को भारत भेजते समय उनके साथ दुर्व्यवहार न हो, लेकिन उन्होंने यह भी कहा डिपोर्टेशन कोई नई बात नहीं है इस बारे में विदेश मंत्री ने 6 फरवरी को संसद में जवाब भी दिया है।
बुधवार 5 फरवरी 2025 को अमेरिका से जबरन डिपोर्ट होने के बाद 104 भारतीय नागरिकों को अमेरिका का एयरफोर्स विमान C 17 ग्लोबमास्टर लेकर भारत आया था यह अमेरिका की नई इमिग्रेशन पॉलिसी के तहत अमेरिका से निकाले गए थे यह विमान दोपहर 2 बजे अमृतसर में एयरफोर्स एयरबेस पर उतरा था इसमें पंजाब के 30 लोग हरियाणा और गुजरात के 33 – 33 ,महाराष्ट्र के 3 उत्तर प्रदेश और चंडीगढ़ के 2 – 2 लोग शामिल थे इनमें 8 से 10 साल के बच्चे और महिलाएं भी शामिल थी।
लेकिन सबसे अहम बात है कि इनमें शामिल पुरुषों को हाथों में हथकड़ी और पैरो में जंजीर की बेड़ियों से बांधा गया था करें 40 से 44 घंटे की अमेरिका से भारत की यात्रा में इन्हें वाशरूम जाने की इजाजत नहीं दी गई काफी मिन्नतों के बाद कुछ लोगों को क्रू मेंबर के साथ बमुश्किल इजाजत दी गई थी विमान की जिस सीट पर बैठे उसपर यह हिल भी नही पा रहे थे यात्रा के दौरान खाना भी हथकड़ी पहने ही खाना पड़ा।
इससे पहले अमेरिका में इन्हें हिरासत में लेने के बाद जिन डिटेंशन हाउस में रखा गया वह के हालत भी काफी भयावह थे लौटे लोगों ने बताया डिंटेशन होम में महिला और पुरुषों को अलग अलग हॉल में रखा गया था 24 घंटे में दिन में केवल आधे घंटे के लिए खुले में ले जाया जाता था बाकी समय अपने बेड के पास ही रहने के आदेश थे प्रतिदिन तीन बार सभी की गिनती होती थी इस 10 मिनट के दौरान प्रवासियों को बेड पर बैठकर सामने गार्ड को देखना होता था दाएं बाएं नहीं देखा सकते थे काउंटिंग के दौरान अमेरिकी सैनिक उनपर तंज भी कसते थे लौटे प्रवासी भारतीय का कहना था कि हमारा क्या कसूर था हम तो वहां लाखों रुपए खर्च कर कमाने के लिए ही तो गए थे।
अमृतसर आने के बाद एयरपोर्ट के सुरक्षा अधिकारियों ने सभी का वेरीफिकेशन किया यहां से इमिग्रेशन और कस्टम से क्लियरेंस मिलने के बाद इन्हें पंजाब पुलिस की सौंप दिया गया , साढ़े तीन घंटे बाद जब अमरीकी एयरफोर्स का विमान वापस लौट गया इसके बाद डिपोर्ट किए गए लोगों को उनके घर भेजने की प्रकिया प्रारम्भ हुई सबसे पहले पंजाब के लोगों को पुलिस की गाड़ियों में उनके घर रवाना किया गया।
अमेरिका की इमिग्रेशन एंड कस्टम इन्फोर्समेंट के मुताबिक अमेरिका में कुल 15 लाख ऐसे लोगों को चिन्हित किया गया है जो अवैध रूप से अमेरिका में रह रहे है उनमें से 20 हजार से अधिक अवैध भारतीय प्रवासी है जिन्हें डिपोर्ट किया जाना है खास बात है अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने यह कार्यवाही ऐसे समय की जब भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 12 फरवरी को अमेरिका यात्रा पर जा रहे है बताया जाता हैं उनकी 13 फरवरी को ट्रंप के साथ वार्ता प्रस्तावित है।
बताया जाता है यूएस सैन्य विमान सी 17 ग्लोब मास्टर भारतीय समय अनुसार 4 फरवरी को सुबह 3 बजे अमेरिका के सैन एंटोनियो से रवाना हुआ था जो 44 घंटे बाद भारत पहुंचा। यह पहली दफ़ा है जब अमरीका ने अप्रवासियों को भेजने के लिए सेना के विमान का उपयोग किया। ट्रंप ने अमेरिका के राष्ट्रपति का पद सम्हालने के तुरंत बाद अवैध तरीके से रह रहे बाहरी देशों के लोगों को डिपोर्ट करने के आदेश दिए थे। खास बात है ट्रंप ने चुनाव से पूर्व अमरीका की जनता को ऐसा करने का वादा भी किया था ग्लोब मास्टर को भारत भेजे जाने में 6 करोड़ का खर्चा आया जो चार्टर्ड उड़ान से छह गुना ज्यादा है लेकिन भेजे जाने वाले भारतीय प्रवासियों के हाथों में हथकड़ी और पैरो में जंजीर की बेड़ियां पहनाने और इनको हिरासत में लेने के बाद और भारत रवाना करने के दौरान प्रताड़ित करने से कई सवाल उठ रहे है क्या अमरीका और ट्रंप डंकी के माध्यम से अमेरिका में अवैध रूप से प्रवेश करने वालो को एक संदेश देना चाहते है कि अब उनके खिलाफ और अधिक कड़ी कार्यवाही हो सकती है।
अमेरिका से डिपोर्ट होकर वापस आए भारतीय प्रवासियों के आने के बाद कई नई जानकारियां भी सामने आ रही है। अमेरिका ने अब तक बिना वैध दस्तावेज वाले 20.407 भारतीयों को चिन्हित किया हैं अवैध रूप से अमेरिका में दाखिल होने की बजह इन सभी को अवैध भारतीय प्रवासी कहा जा रहा है यह फायनल रिमूवल आदेश (बेदखली आदेश) के इंतजार में है इनमें 17.940 भारतीय बाहर है इनमें से कई के पैरों में डिजिटल ट्रेकर (एंकल मॉनिटर) लगाए गए है जिनकी लोकेशन इमिग्रेशन एंड कस्टम इन्फोर्समेंट 24 घंटे ट्रैक करती है यह लोग निर्धारित लोकेशन से बाहर नहीं जा सकते। जबकि 2.467 भारतीय आईसीई के डिटेंशन सेंटर में कैद है इन्हीं में से 104 को बीते दिन भारत डिपोर्ट किया गया है।
इधर विदेश मंत्रालय ने बताया है कि अमेरिका ने 487 अवैध अप्रवासी भारतीयों को भारत भेजने के लिए चिन्हित किया है उनमें से 297 लोगों के बारे में जानकारी दी गई है। जबकि विदेश सचिव विक्रम मिस्त्री ने बताया कि आगे हम इस बात का ख्याल रखेंगे कि अमेरिका से भारतीयों को भारत भेजते समय उनके साथ कोई दुर्व्यवहार नही होना चाहिए।यदि इस तरह का कोई मामला हमारे सामने आता है तो हम उसे अमेरिका के सामने उठाएंगे वही 4 फरवरी को भारत भेजते वक्त उनके साथ दुर्व्यवहार के मुद्दे को अमेरिकी अधिकारियों के सामने उठाया है। उन्होंने कहा कि निर्दोष लोगों को गुमराह करके अवैध रूप से भेजना कैंसर जैसी बीमारी है ऐसा करने वालों पर केस होना चाहिए। विदेश सचिव ने यह भी कहा, डिपोर्टेशन कोई नई बात नहीं है इसको लेकर विदेश मंत्री एस जयशंकर ने संसद में भी जबाव भी दिया है।