गुना / मध्यप्रदेश के गुना जिले के राघौगढ़ में 10 साल के बच्चे सुमित मीणा को बचाया नहीं जा सका। बोरवेल में 39 फीट पर फंसे सुमित को बाहर निकालने के लिए 16 घंटे चले रेस्क्यू ऑपरेशन के बाद टनल के रास्ते रविवार को सुबह साढ़े नो बजे सुमित को बोरवेल से बाहर निकाला गया लेकिन अस्पताल में उसे मृत घोषित कर दिया गया। बताया जाता है ठंड और पानी से भींगने के कारण उसके अंगों ने काम करना बंद कर दिया था। तीन बहनों में सुमित अकेला भाई था।
गुना जिले के राघौगढ़ कस्बे के पिपल्या गांव ने रहने वाला 10 साल का सुमित मीणा पुत्र दशरथ मीणा शनिवार को 4 बजे अपने खेत पर आया था कुछ समय बाद अचानक वह लापता हो गया परिजनों ने आसपास देखा जब नहीं मिला तो अन्य ग्रामीणों के साथ उसकी खोजबीन की तभी खेत के पास बने बोरवेल में 5 बजे उसका सिर दिखा तब पता चला कि वह बोरवेल में गिर गया है। ग्रामीणों ने तुरंत इसकी जानकारी पुलिस को दी खबर मिलने पर पुलिस और प्रशासनिक अधिकारी मौके पर आए उसके बाद रेस्क्यू ऑपरेशन शुरू किया गया 2 जेसीबी और एक पॉकलेन मशीन के साथ एसडीईआरएफ ने बोरवेल से कुछ दूरी पर गड्ढा खोदना शुरू किया इस बीच करीब 10 बजे बोरवेल में कैमरा डाल कर देखा तो नीचे पानी दिख रहा था। करीब 11.45 बजे NDRF की टीम आ गई और रेस्क्यू ऑपरेशन तेजी से शुरू हुआ
SDERF और NDRF की टीम ने बोरवेल के पास 45 फीट गहरा गड्ढा खोदा लेकिन इसमें सुबह के 4.30 बजे तक का समय लगा। इसके बाद सुबह 5 बजे से टीम ने सावधानी से बोरवेल की तरफ हाथो से टनल बनाना शुरू किया गया और सुबह 9.40 बजे बच्चे को टनल से बाहर निकाला गया।
इस दौरान प्रशासन ने गड्ढे के ऊपर पहले से ही स्ट्रेचर ऑक्सीजन सिलेंडर स्टॉफ और अन्य संसाधन इकट्ठा कर तैयार कर रखे थे जैसे ही बच्चा बाहर आया उसे स्ट्रेचर पर रखकर एंबुलेंस से स्वास्थ टीम तुरंत अस्पताल लेकर रवाना हो गई लेकिन 11.10 बजे डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया।
CMHO राजकुमार ऋर्षिश्वर ने बच्चे के मरने की पुष्टि करते हुए बताया कि बच्चे का शरीर पानी में था जब इसे अस्पताल लाया गया था तो उसके कपड़े भी गीले थे और मुंह में मिट्टी भरी हुई थी पानी और ठंड के कारण उसके अंगों ने काम करना बंद कर दिया था चूंकि बच्चा बोरवेल में 39 फुट गहरे में फंसा था और 16 घंटे बाद निकाला गया था।
इससे पहले खबर मिलने पर कलेक्टर डॉक्टर सतेंद्र सिंह और स्थानीय कांग्रेस विधायक जयवर्धन सिंह भी मौके पर आ गए थे। इधर बच्चे के पिता श्याम सिंह मीणा ने बताया उनका बेटा छत पर पतंग उड़ा रहा था वह यहां कैसे आया और बोरवेल में कैसे गिरा पता नहीं चला, वही बच्चे के पिता 6 बजे से मंदिर के बाहर बैठे अपने बेटे के सकुशल बाहर निकलने की प्रार्थना करते रहे। जबकि उसकी बुआ रात भर गड्ढे से कुछ दूरी पर खड़ी कार्यवाही देखते हुए बच्चे के बाहर आने का इंतजार करती रही।
मृत बच्चे के परिजनों पर पहाड़ सा टूट पड़ा है सुमित तीन बहनों में अकेला भाई था उसके पिता मां और अन्य परिजनों का रो रोकर बुरा हाल है। जबकि पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने कहा है की यह घटना काफी दुखदाई है बच्चे के जाने से एक परिवार का घर सुना हो गया इस दुख की घड़ी में मैं परिवार के साथ हूं।उन्होंने मुख्यमंत्री से मांग की है कि प्रदेश में जहां भी बोरवेल खुले पड़े है उनके खिलाफ सख्त कार्यवाही करते हुए उन्हें तत्काल बंद कराया जाएं जिससे इस तरह की असामयिक दुर्घटनाओं से बचा जा सके।