ग्वालियर- ग्वालियर के जीवाजी विश्वविधालय की जमीन पर अवैध कालौनी बसाने के दावे पर अब जिला प्रशासन की भी मुहर लग गई है।राजस्व निरीक्षक और तहसीलदार ने विश्वविधालय को जो रिपोर्ट सौपी है।जिसमें सर्वे क्रमांक 869,871और 872 को अतिक्रमण प्रभावित बताया गया है।इसके साथ ही 32 मकानो,दुकानो और 33 खाली पडे प्लांटो की सूची जारी की गई है। जिन पर प्रभावशाली लोगो के कब्जे बताये गये है अब विश्वविधालय प्रबंधन कलेक्टर को एक मांग पत्र के जरिये अपनी जमीन वापस पाने के लिये मिल रहा है। खास बात ये है कि इस कैलाशनगर में कई भाजपा,कांग्रेस वकील और दूसरे प्रभावशाली लोगो के भी मकान है।
करीब 20 साल पहले एक कैलाश गृह निर्माण समिति में विश्वविद्यालय की खाली पडी जमीन को अपना बताते हुए वहां अवैध कॅालोनी काट दी थी। उस समय यहां इतनी बसाहट नहीं थी। लेकिन हाईकोर्ट और कलेक्ट्रेट के पास में आ जाने से ये करोडो की जमीन अब भूमाफियाओं के कब्जे में है। विश्वविद्यालय की कुलपति संगीता शुक्ला ने दो महिने पहले अपनी जमीन वापस लेने के लिए कलेक्टर के यहां आवेदन लगाया था। कलेक्टर ने जांच के लिए कमैटी घटित की थी। अपनी जांच में पाया है कि 32 मकान और 33 प्लॅाट की जमीन पर अवैध अतिक्रमण है। लेकिन प्रभावशाली लोग अतिक्रामक होने से कैलाशनगर के कब्जे हट जाए ये विश्वविद्यालय की बहुत बडी उपलब्धि होगी।