- कोलारस और मुंगावली उपचुनाव कल, सिंधिया और शिवराज की सांख दांव पर
- आधे से अधिक मतदान केन्द्र संवेदनशील,
- सुरक्षा के लिये सीआरपीएफ़ और एसएएफ़ की 22 कंपनी तैनात
शिवपुरी – अशोकनगर / मध्यप्रदेश के कोलारस और मुंगावली उपचुनाव भाजपा और कांग्रेस दौनो के लिये नाक का सबाल बना हुआ है इस उपचुनाव के नतीजे जहां प्रदेश में काबिज शिवराज सरकार की आगे की राह को प्रतिलक्षित करेंगे,तो स्थानीय कांग्रेस सांसद सिंधिया के वर्चस्व को भी इंगित करेंगे। यही बजह है कि 2018 के विधानसभा चुनाव से पूर्व होने वाले यह उपचुनाव मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान और ज्योतरादित्य सिंधिया दौनो की प्रतिष्ठा का सबाल बन चुके है।
कोलारस और मुंगावली विधानसभा में कल 24 फ़रवरी को उपचुनाव होना है। इन चुनावों के लिये भाजपा और कांग्रेस दौनो ही दलों ने जोरदार तरीके से प्रचार प्रसार ही नही किया,बल्कि अपनी पूरी ताकत झौक दी, मुख्यमंत्री शिवराज सिंह सहित प्रदेश के एक दर्जन से ज्यादा मंत्री, प्रदेश अध्यक्ष सहित कई राष्ट्रीय और प्रदेश स्तर के नेता पिछले एक महिने से यहाँ पढाव डाले रहे तो कांग्रेस भी पीछे नही रही और सिंधिया ने धुंआधार प्रचार के दौरान 75 सभाएं और 20 रोड शो किये।
इसके अलावा प्रदेश प्रभारी दीपक बाबरिया प्रदेश अध्यक्ष अरुण यादव नेता प्रतिपक्ष अजय सिंह ने मतदाताओं के बीच जाकर बीजेपी के 14 साल के कुशासन को बताकर कांग्रेस प्रत्याशियों के लिये वोट मांगे, जैसाकि कोलारस में कांग्रेस के महेन्द्र सिंह यादव और बीजेपी के देवेंद्र जैन के बीच तो मुंगावली में कांग्रेस प्रत्याशी ब्रजेन्द्र सिंह यादव और बीजेपी उम्मीदवार श्रीमती बाई साहब यादव के बीच प्रमुख मुकाबला है। खास बात है यह दौनो सीटे जीतकर बीजेपी जहां यहाँ सिंधिया के गढ को ढहाने की फ़िराक में है तो पिछले दौनो उपचुनाव जीत चुकी कांग्रेस यह चुनाव जीतकर इसी साल होने वाले विधानसभा चुनाव से पहले बीजेपी को सबक सिखाकर पूरे प्रदेश को एक संदेश देने की फ़िराक में लगती है। जैसाकि अभी तक 12 उपचुनाव हुएं है जिसमें जिसमें 9 में बीजेपी को सफ़लता मिली तो तीन सीटो पर कांग्रेस ने जीत हासिल की हैं।
जहां तक मतदाताओं का सबाल है तो कोलारस में कुल मतदाता 2.44.457 है जो 311 मतदान केन्द्रों पर वोट डालेंगे वही खास है इनमें करीब 60 फ़ीसदीं से अधिक यानि 200 मतदान केन्द्र संवेदनशील हैं। वही मुंगावली में 1.91.009 मतदाता है और 264 कुल मतदान केन्द्र है,जिनमें 50 फ़ीसदी अर्थात 133 मतदान केन्द्र संवेदनशील हैं, इन चुनावो को सम्पन्न कराने के लिये सीआरपीएफ़ की 18 कंपनी और 4 एस ए एफ़ की कंपनिया सुरक्षा व्यवस्था के लिये तैनात की गई हैं।