बनारस – बनारस हिन्दू विश्वविद्यालय की छात्राओं पर लाठीचार्ज का मामला जहां तूल पकड़ता जा रहा है। वही कमिश्नर ने अपनी जांच के बाद कहा है कि छात्राओं पर लाठीचार्ज और हिंसा के लिये बीएचयू प्रशासन दोषी है, इधर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इस घटना की न्यायिक जाँच की घोषणा की है।बनारस के बीएचयू की छात्राओं के साथ छेड़छाड़ के बाद 23 सितम्बर को जो हुआ वह काफ़ी शर्मनाक कहा जायेंगा, अपनी सुरक्षा की मांग को लेकर प्रदर्शन कर रही लड़कियो पर लाठीचार्ज और वह भी पुरुष पुलिस कर्मचारियों के हाथो बुरी तरह पिटाई जिसमें कई छात्राएं घायल हो गई।
इस घटाना पर कुलपति गिरीशचन्द्र त्रिपाठी का बयान काफ़ी गैरजिम्मेदराना रहा उनका कहना था कि यह समस्या बाहरी लोगों ने खड़ी की है और मुझे राष्ट्रविरोधी ताकतें निशाना बना रही है और राजनैतिक साजिश रची जा रही है। इतना ही नही कुलपति ने यह भी कहा कि लड़के और लड़कियों के लिये अलग अलग नियम होते है और हर लड़की के पीछे सुरक्षा गार्ड तो लगाये नही जा सकते। उनके इस बयान से उनकी छात्राओं के प्रति क्या मानसिकता यह भी उजागर होता है।काफ़ी हो हल्ला मचने और तीन दिन गुजरने के बाद उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की नींद लगता है खुल गई उन्होंने इस घटना की मजिस्ट्रीयल जांच की घोषणा आज की है।
जबकि कांग्रेस ने इस मामले को लेकर हमलावर रुख अख्तियार कर लिया है। कांग्रेस नेता सुरजेवाला ने कहा है कि छात्राओं को सुरक्षा देने की बजाय उनपर लाठीचार्ज करना न्याय संगत नही है इसके लिये कुलपति पूरी तरह जिम्मेदार है और उन्हें तुरन्त पद से हटा देना चाहिये। कांग्रेस का आरोप यह भी है कि भाजपा सरकार भी इसकी दोषी है जबकि उस दिन प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ दौनो बनारस में ही मौजूद थे और उन्होने इस घटना को लेकर कार्यवाही तो दूर किसी तरह की प्रतिक्रिया भी व्यक्त नही की, जबकि महिला सुरक्षा और सशक्तिकरण की भाजपा बड़ी बडी बातें करती है।